Health tips: रात में नींद न पूरी हो तो अगले पूरे दिन सुस्ती बनी रहती है और आप ऊर्जाहीन महसूस करते हैं. रात में न चाहते हुए भी बार-बार पेशाब के लिए उठना न सिर्फ शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी घातक है. रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या बढ़ती जा रही है, इसके बारे में सावधान हो जाने की आवश्यकता है. कई बार यह अस्थायी समस्या होती है और इसके पीछे सामान्य खान-पान के कारण होते हैं, मगर कई बार इसके पीछे गंभीर कारण हो सकते हैं. इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देना सही नहीं है. लक्षणों को पहचानना, इसके पीछे के कारणों को जानना और सही इलाज करना एक गुणवत्तापूर्ण जीवन की कुंजी है. इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है, रात में बार-बार पेशाब आना कैसे बंद करें और बार बार पेशाब आना इलाज क्या है.
ग्रेविटी फ्लश
सोने से करीब 90 मिनट पहले 20 से 30 मिनट के लिए पैरों को 3 तकियों पर रखकर लेटें. कई बार दिनभर खड़े या बैठे रहने से पैरों में अतिरिक्त पानी जमा होने लगता है. खासकर उम्र बढ़ने के साथ ये परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है. तकिये पर पैर रखकर लेटने से पानी वापस ब्लड में आ जाता है और किडनी उसे फिल्टर कर देती है. इससे रात को सोते समय बार-बार पेशाब जाने की दिक्कत कम होती है. हालांकि, अगर आपको ब्लड क्लॉट, हार्ट डिजीज या लो ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कते हैं, तो इस ट्रिक को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
जीवनशैली में करें ये बदलाव
- रात के खाने के बाद या सोने से कुछ घंटे पहले अपने तरल पदार्थ का सेवन सीमित करें.
- कैफीन और शराब का सेवन बंद करें, खासकर दोपहर के बाद.
- कार्बोनेटेड पेय पदार्थ जैसे सोडा, कोला इत्यादि का सेवन कम करें.
- रात के समय मसालेदार भोजन और खट्टे फल जैसे टमाटर, और नींबू इत्यादि के सेवन से बचें.
- ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें नमक की मात्रा अधिक हो जैसे कि चिप्स और नमकीन स्नैक्स का सेवन न करें.
- यदि आपका वजन अधिक है तो अपने वजन को कम करने का प्रयास करें.
- संतुलित आहार बनाए रखें. अपने भोजन में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें.
- फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें. फाइबर मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है और कब्ज के खतरे को कम कर सकता है, जो मूत्र संबंधी समस्याओं को कम करने में योगदान कर सकता है.
- कम ऑक्सालेट आहार पर विचार करें. कुछ लोगों का मानना है कि ऑक्सालेट का सेवन कम करने से मूत्र की तात्कालिकता और आवृत्ति को कम करने में मदद मिल सकती है. ऑक्सालेट कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जैसे पालक, और चुकंदर.
- दोपहर में आराम करते समय अपने पैरों को अपने शरीर से थोड़ा ऊपर उठाएं, जिससे शरीर में तरल पदार्थों का प्रवाह प्रोत्साहित होगा और मूत्राशय पर दबाव डालने वाले तरल पदार्थों की मात्रा को कम करेगा.
- रात के दौरान नियमित अंतरालों में जागने के लिए एक अलार्म घड़ी का उपयोग करें, ताकि आप बाथरूम का उपयोग कर सकें और अपने ब्लैडर को खाली कर सकें. दिन में भी अलार्म या रिमाइंडर की मदद से नियमित अंतरालों पर पेशाब करने की आदत बनाएं.
- जब आप नियमित अंतरालों पर पेशाब करने की आदत बना लें, तो धीरे-धीरे बाथरूम जाने के बीच का समय बढ़ाएं. यह आपके ब्लैडर को अधिक मूत्र संग्रहित करने के लिए प्रशिक्षित करेगा.
- नियमित व्यायाम मूत्राशय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और मूत्र आवृत्ति को कम करने में मदद कर सकता है.
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