शरीर में कभी नहीं होगी प्रोटीन-न्यूट्रिएंट्स की कमी, बस डाइट में शामिल कर लें ये सुपरफूड्स

Health tips: आजकल सेहत की बात करो, तो हर शख्स मरीज निकलता है. किसी को ‘दिल की परेशानी’, किसी को ‘बैड कोलेस्ट्रॉल’, किसी को ‘मोटापा’, तो किसी को ‘डायबिटीज-बीपी’. और तो और आपको ये भी सुनने को मिल जाएगा कि इम्युनिटी कमजोर है, डॉक्टर ने ‘डेयरी प्रोडक्ट’ कम करने को कहा है और तभी दोस्तों, आज की बात इन ग्लासों से शुरू होती हैं क्योंकि इसमें गाय का दूध नहीं, ‘वीगन हेल्थ’ का फॉर्मूला है. एक कॉमन क्वेश्चन जो लोग पूछते हैं वो ये कि अगर डेयरी प्रोडक्ट छोड़ दिए तो ‘प्रोटीन और न्यूट्रिएंट्स’ कहां से मिलेंगे ?. लेकिन आज के समय में कई ऐसी चीजें उपलब्ध है जिसके बारे में जानने के बाद आप डेरी प्रोडक्ट्स भूल जायेंगे. आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है.

खनिज लवण दो समूहों में विभाजित हैं
  • वृहत्-तत्व : वे खनिज जिनकी शरीर को अपने कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है. आमतौर पर, ये खनिज शरीर में ही पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं (ग्राम या ग्राम के दसवें भाग में) और ये हैं: कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सल्फर और क्लोरीन.
  • सूक्ष्म तत्व : हमारे शरीर में अल्प मात्रा में पाए जाने वाले खनिज (कुछ माइक्रोग्राम से लेकर कुछ मिलीग्राम तक) और ये हैं: लोहा, तांबा, जस्ता, फ्लोरीन, आयोडीन, सेलेनियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, मैंगनीज, सिलिकॉन, निकल, मोलिब्डेनम और वैनेडियम .
 प्रोटीन की कमी के 10 प्रमुख संकेत

1. कमजोरी और थकान

2. बाल झड़ना और नाखून भंगुर होना
3. बार-बार बीमार पड़ना और धीमी गति से ठीक होना
4. सूजन (एडेमा)
5. लालसा और भूख में वृद्धि
6. मांसपेशियों की क्षति और जोड़ों का दर्द
7. मूड में बदलाव और मानसिक धुंध
8. त्वचा की समस्याएं
9. बच्चों में धीमी वृद्धि
10. फैटी लिवर

विभिन्न पोषक तत्वों के स्रोत
कार्बोहाइड्रेट

शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं. ये साबुत अनाज, फल, सब्ज़ियाँ और फलियों में पाए जाते हैं.

प्रोटीन

ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक हैं. इनके स्रोतों में लीन मीट, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद, बीन्स और टोफू शामिल हैं.

वसा

ऊर्जा प्रदान करते हैं, कोशिका वृद्धि में सहायता करते हैं और विटामिनों को अवशोषित करने में मदद करते हैं. स्वस्थ वसा एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून के तेल में पाई जाती है.

विटामिन

विटामिन सी: ताज़े फल और सब्ज़ियाँ जैसे संतरा, कीवी, अमरूद, और पालक में पाया जाता है.

विटामिन डी: सूर्य के प्रकाश के अलावा, फोर्टिफाइड दूध, अंडे और कुछ प्रकार की मछली से मिलता है.

विटामिन : सूरजमुखी तेल, सूखे मेवे, बीज और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में होता है.

विटामिन बी12: मुख्य रूप से मांसाहारी उत्पादों जैसे मांस, मछली और अंडे में पाया जाता है, और डेयरी में भी मौजूद होता है.

खनिज

कैल्शियम: दही, पनीर, दूध, सैल्मन मछली, पत्तेदार हरी सब्जियाँ

क्लोराइड: नमक

मैग्नीशियम: पालक, ब्रोकोली, फलियां, बीज, गेहूं की रोटी

पोटेशियम: मांस, दूध, फल, सब्जियां, अनाज, फलियां

सोडियम: नमक, सोया सॉस, सब्जियां

क्रोमियम: मांस, मुर्गी, मछली, मेवे, पनीर

तांबा: शंख, मेवे, बीज, साबुत अनाज उत्पाद, फलियाँ, आलूबुखारा

फ्लोराइड:  मछली, चाय

आयोडीन: आयोडीन युक्त नमक, समुद्री भोजन

आयरन: लाल मांस, मुर्गी, अंडे, फल, हरी सब्जियां, फोर्टिफाइड ब्रेड

मैंगनीज: मेवे, फलियां, साबुत अनाज, चाय

सेलेनियम: अंग मांस, समुद्री भोजन, अखरोट

जिंक: मांस, शंख, फलियां, साबुत अनाज

पानी: यह सबसे ज़रूरी पोषक तत्व है और इसका सबसे अच्छा स्रोत पानी है. इसके अलावा, फल और सब्ज़ियों से भी पानी प्राप्त होता है. 

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