हिमाचल प्रदेश। पिता का सपना पूरा करने के लिए गांव के मैदान में कभी लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने वाली हिमाचल प्रदेश की रेणुका सिंह ठाकुर टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनेंगी। धर्मशाला क्रिकेट अकादमी में अभ्यास करने वाली रोहड़ू की पारसा गांव की मध्यम गति की गेंदबाज रेणुका का चयन आस्ट्रेलिया दौरे के लिए टी-20 क्रिकेट टीम में हुआ है। इस मुकाम तक पहुंचीं रेणुका का क्रिकेट का सफर आसान नहीं रहा है। तीन साल की उम्र में पिता कोखोने के बाद परिवार की जिम्मेदारी मां पर आ गई। मां ने उस समय आईपीएच विभाग में चतुर्थ श्रेणी के तौर पर नौकरी शुरू की। रेणुका के पिता का सपना था कि उनकी बेटी और बेटा भारतीय टीम के लिए खेलें। गांव में उस समय लड़कियां कम ही क्रिकेट खेलती थी। गांव के मैदान में रेणुका लड़कों को क्रिकेट खेलते हुए देखते थी। रेणुका को भाई से क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली। एक दिन मैदान पहुंचकर रेणुका ने कहा कि वह भी खेलेंगी। हर रोज रेणुका लड़कों के साथ क्रिकेट खेलतीं। मां ने भी रेणुका को कभी क्रिकेट खेलने से नहीं रोका। इसी बीच एचपीसीए ने साल 2009 में कांगड़ा में अकादमी खोली। जो अब धर्मशाला में चल रही है। तब रेणुका 14 साल की थी। कांगड़ा जाकर रेणुका ने ट्रायल दिया और चयन भी हो गया। रेणुका के कोच पवन सेन ने बताया कि रेणुका में क्रिकेट को लेकर बहुत जुनून था। जूनियर और सीनियर वर्ग में अच्छा प्रदर्शन किया। 2019 में रेणुका भारत की ए टीम के लिए चयनित हुईं। तब भी टीम आस्ट्रेलिया गई थी।