बेगूसराय में पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी DSP, दारोगा बहाली के नाम पर 19 लाख ठगे

Bihar: बिहार के बेगूसराय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस के हत्थे एक फर्जी डीएसपी पकड़ा गया है. ये डीएसपी दारोगा बहाली के नाम पर 19 लाख रुपए ठग चुका था. हालांकि उक्त आरोपी करण कुमार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लंबे समय से प्रयास कर रही थी और आज तेघरा थाने की पुलिस को इस मामले में सफलता मिली है.

पुलिस की वर्दी पहनकर जमाता था रौब

जालसाज करण कुमार वर्दी पहनकर रौब जमाने और नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करता था.  तेघड़ा थाना पुलिस ने उसे रिफाइनरी थाना क्षेत्र के मोसादपुर गांव से गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपी करण कुमार की गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से कोशिश में जुटी हुई थी. शनिवार को तेघरा थाने की पुलिस ने इस मामले में बड़ी सफलता हासिल की है.जानकारी के मुताबिक, रिफाइनरी थाना क्षेत्र के मोसादपुर का रहने वाला करण कुमार पहले खुद को औरंगाबाद जिले में पोस्टेड सब इंस्पेक्टर बताता था. 

दरोगा बहाली के नाम पर 19 लाख से ज्यादा ऐंठे

तेघड़ा थाना क्षेत्र के बनाहारा निवासी अभिषेक कुमार ने फर्जी डीएसपी पर मामला दर्ज करवाते हुए कहा कि दरोगा बहाली के नाम पर उनसे चेक ऑनलाइन पेमेंट एवं अन्य माध्यमों से करण कुमार ने 19 लाख 40000 रुपए लिए थे.उनकी मुलाकात करण कुमार से एक लाइन होटल पर हुई थी. उस वक्त वह एक दरोगा की वर्दी में बाइक पर सवार थे.  बातचीत के दौरान उन्होंने अभिषेक कुमार की बेरोजगारी का फायदा उठाते हुए उसे दरोगा बहाली में परीक्षा पास करने का लालच दिया. धीरे-धीरे एक बड़ी रकम उससे वसूली गई.

करण कुमार पर ठगी, मानसिक प्रताड़ना का केस दर्ज

 लेकिन बाद में धीरे-धीरे करण कुमार ने अभिषेक कुमार का मोबाइल फोन उठाना बंद कर दिया. फिर एक दिन करण कुमार उनको कहीं मिल गया, जहां उसने उनके साथ गाली गलौज की. उनको जाति सूचक गाली भी दी गई. इस घटना के बाद अभिषेक कुमार ने करण कुमार के ऊपर तेगड़ा थाने में ठगी एवं मानसिक प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया.

शुक्रवार शाम तेघड़ा थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि करण कुमार अपने घर पर ही मौजूद है. पुलिस ने घेराबंदी कर करण कुमार को हिरासत में लिया. फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस अब उसके रिकॉर्ड को भी खंगाला रही है. 

पहले भी जा चुका है जेल

पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आरोपी पहले भी इसी तरह की ठगी में शामिल रहा है. इससे पहले बेगूसराय साइबर थाना की पुलिस उसे फर्जी डीएसपी बनकर धोखाधड़ी करने के मामले में जेल भेज चुकी है. जेल से छूटने के बाद उसने दोबारा ठगी का नेटवर्क शुरू कर दिया था.

इसे भी पढ़ें:-सीएम योगी ने यूपी पुलिस को हाईटेक करने के लिए लॉन्च किया Yaksh APP, जानें इसकी खासियत?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *