Saffron farming: केसर की खेती में दूसरे स्थान पर भारत, 60 देशो में निर्यात की तैयारी

Ministry of Agriculture and Welfare: भारत के देश संस्‍कृति में केसर को बेहद ही अहम स्‍थान दिया गया है। केसर की खेती के मामले में भारत दुनिया का दूसरे नंबर पर आ गया है। आपको बता दें कि भारत में केसर की खेती कश्‍मीर में की जाती है। केसर का इस्‍तेमाल पूजा से लेकर दवाओं, खाने-पीने की चीजों में किया जाता है। माना जाता है कि केसर सभी बहुमुल्‍य चीजों में से एक है जिसकी वर्तमान में कीमत दो लाख रुपये प्रति किलो है। वहीं, केसर की कीमतों को लेकर सरकार ने पिछले साल कई योजना बनाई थी जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। नेशनल सेफरन की मदद से किसानों को केसर की कीमतों से अधिक लाभ हुआ है।

कश्‍मीर के कृषि निदेशक चौधरी मोहम्‍मद इकबाल ने बताया कि नेशनल सेफरन मिशन की मदद से कश्‍मीर में प्रति हेक्टेयर केसर की खेती काफी ज्‍यादा बढ़ गई। साल 2020-21 में कश्‍मीर के केसर को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग मिला था। इसके बाद से कश्‍मीर के केसर की कीमतों ने नई उड़ान पकड़ी। इस वक्‍त केसर की कीमत लाखों में पहुंच चुकी है।

उन्‍होंने कहा कि केसर का फूल बेहद खूबसूरत है, जिसके चलते बीते साल अक्‍टूबर में केसर के खेत सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने थे। अक्‍टूबर-नवंबर के महीने में केसर के फूल को तोड़ा जाता है। इसके बाद इसे प्रोसेसिंग के माध्‍यम से इस्‍तेमाल के लायक बनाया जाता है। सरकार की तरफ से नेशनल स्‍टैंडर्ड लैब बनाई गई, जहां जाकर केसर की खेती करने वाले किसान अपने उत्‍पाद की जांच करा सकते हैं। उन्‍हें केसर बेचने में भी मदद की जाती है। चौधरी मोहम्‍मद इकबाल ने बताया कि अभी 60 ऐसे देश हैं, जहां कश्‍मीरी केसर को बेचने की तैयारी की जा रही है।

 

 

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