pakistani terrorist : पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी आतंकियों हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई के खुफिया एजेंसियों की जांच के दौरान शामिल होने की खबर सामने आई है। इनमें से हाशिम मूसा पाकिस्तानी फौज की स्पेशल फोर्स का पैरा कमांडो रहा है और अब प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा का सदस्य है। वह पिछले साल में गंदरबल और बारामूला हमले में भी शामिल था।
खुफिया एजेंसियों के जानकारी के मुताबिक, वह दिसंबर से कश्मीर में गैर-कश्मीरियों पर किसी बड़े हमले की फिराक में था। आजंकी हमलों में शामिल हाशिम मूसा का कनेक्शन सीधे पाकिस्तानी सुरक्षा बलों से रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप ने पहले पैरा-कमांडो रह चुके मूसा को इस हमले में मदद करने के लिए ही लश्कर में शामिल कराया था। इन घटनाओं में स्थानीय आतंकियों जुनैद अहमद और अरबाज मीर का नाम सामने आया था जिन्हें नवंबर और दिसंबर 2024 में सुरक्षा बलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया था। इसी दौरान मूसा कश्मीर घाटी में बड़े हमले की तैयारी में जुट गया था।
संदिग्ध से पूछताछ में सामने आया नाम
मूसा के इस हमले में जुड़ें होने की जानकारी पहलगाम हमले में पकड़े जाने के बाद संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) यानी आतंकियों के स्थानीय सहयोगियों से पूछताछ के दौरान सामने आई है। एक बार फिर पाकिस्तान का नापाक चेहरादुनिया के सामने लाकर रख दिया। जानकारी के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के पहले भी कई हमलों में मूसा की भूमिका रही है। कश्मीर में अक्टूबर 2024 में गांदरबल के गागनगीर में हुए हमले में भी शामिल था। इसमें छह गैर-स्थानीय लोग और एक डॉक्टर मारे गए थे। इसके अलावा, बारामूला के बुटा पथरी में हुए हमले में दो सेना के जवान और दो सेना के पोर्टर मारे गए थे। इस हमले में भी मूसा की भूमिका रही है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मूसा का सैन्य अतीत पहलगाम हमले में संलिप्तता का स्पष्ट सबूत है। यह पहला मौका नहीं जब किसी पाकिस्तानी एसएसजी कमांडो की इस तरह की घटना में संलिप्तता सामने आई है। एसएसजी पैरा-कमांडो को गैर-परंपरागत युद्ध का कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे हमलों के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है और ये अत्याधुनिक हथियार चलाने में भी सक्षम होते हैं।
हमलों शामिल रह चुका है मूसा
मूसा तीनों हमलों में एक आम अपराधी के रूप में सामने आया है। तभी से मूसा कश्मीर में बाहरी लोगों को निशाना बनाने के आतंकी मिशन को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।
सेना पर साइबर हमले की पाकिस्तानी कोशिश नाकाम
पहलगाम हमले के दौरान नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी कर रहा पाकिस्तान संप्रभुता के उल्लंघन की नाकाम कोशिशों में जुटा है। इंटरनेट ऑफ खिलाफत यानी आईओके के नाम से काम कर रही पाकिस्तान की साइबर आर्मी ने भारतीय सेना पर साइबर हमले की कोशिश की। लेकिन समय रहते इस सेंधमारी का पता लगाकर इसे भी नाकाम कर दिया गया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आईओके हैकर ने कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट के निशाना बनाकर ऑनलाइन सेवाएं को खत्म करने और व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने की कोशिश की, लेकिन बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के कारण न केवल इस सेंधमारी को नाकाम किया। बल्कि वास्तविक समय में इनके सभी स्रोतों का भी पता लगा लगाया। इसी दौरान महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेटवर्क को निशाना बनाने की चार कोशिशें की गईं।
एक समय में हिजबुल मुजाहिदीन भी आतंकवादी हुआ करता था उसका कहना है कि जिन लोगों ने भी आतंकवाद का रास्ता छोड़ कर मुख्य धारा को अपनाया है, वे जिले के पहाड़ी इलाकों के चप्पे-चप्पे से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उनको सभी रास्ते और आतंकियों के आने-जाने के रूट भी पता हैं। मुख्य धारा में लौट चुके ऐसे आतंकियों को सरकार की तरफ से हथियार उपलब्ध करवाए जाने चाहिए ताकि वे लोग दहशतगर्दों का मुकाबला कर उन्हें ढेर कर सकें। उन्होंने कहा कि पहलगाम जैसी घटना दोबारा नहीं हो, इसके लिए वह आतंकियों से लड़ने को तैयार है। मौजूदा समय मोहम्मद कालू मदरसे में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं।
इसे भी पढ़ें :- आज से शुरू हुई चारधाम पवित्र यात्रा, शुभ मुहुर्त में खुले कपाट