नागपुर सोलर पैनल फैक्ट्री में बड़ा हादसा, 6 मजदूरों की मौत, CM ने की मुआवजे की घोषणा

Nagpur: महाराष्ट्र के नागपुर में सोलर पैनल निर्माण फैक्ट्री में पानी की टंकी फटने से बिहार के 6 मजदूरों की मौत हो गई है. यह हादसा सुबह करीब 9.30 बजे MIDC क्षेत्र में हुआ. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

घायलों के इलाज और प्रशासनिक निर्देश

सीएम नीतीश कुमार ने हादसे में घायल बिहार के मजदूरों के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है. इसके साथ ही दिल्ली में तैनात बिहार के स्थानिक आयुक्त को स्थिति का जायजा लेने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि घायलों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाए और मृत मजदूरों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव तक पहुंचाने की पूरी व्यवस्था की जाए.

हादसे की पूरी जानकारी

यह हादसा उस समय हुआ जब मजदूर पानी की टंकी के पास निर्माण कार्य में लगे हुए थे. अचानक संरचना के कमजोर होने से टंकी ढह गई और कई मजदूर मलबे में दब गए. सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया. यह फैक्ट्री अवाडा कंपनी की है, जो नागपुर-चंद्रपुर हाईवे पर स्थित बुटीबोरी के नए MIDC क्षेत्र में सोलर पैनल निर्माण का काम करती है. कंपनी परिसर में विस्तार का कार्य चल रहा था.

मृतकों की हुई पहचान

इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी मजदूर बिहार के रहने वाले थे. मृतकों की पहचान पश्चिम चंपारण के अरविंद ठाकुर (28) और बुलेट इंद्रजीत शाह (30), पहाड़पुर निवासी अशोक पटेल (42), मुजफ्फरपुर के अजय पासवान (26), सुधांशु कुमार साहनी (36) और शमीम अंसारी (42) के रूप में हुई है. मरने वालों में दो मजदूर मुजफ्फरपुर और दो पश्चिम चंपारण जिले से थे.

02-02 लाख मुआवजे की घोषणा

हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने मृत मजदूरों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. बिहार सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री इस घटना से मर्माहत हैं. उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि शोक संतप्त परिवारों को इस कठिन समय में धैर्य और शक्ति मिले. साथ ही मुख्यमंत्री ने मृतक मजदूरों के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रत्येक को 02-02 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की है.

हादसे का कारण

प्रारंभिक जांच में रखरखाव में लापरवाही या तकनीकी खामी को हादसे का कारण बताया जा रहा है. पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और फैक्ट्री में फिलहाल ऑपरेशंस रोक दिए गए हैं. राहत एवं बचाव कार्य में फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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