गोरखपुर। गोरखपुर के स्थानीय टेराकोटा शिल्प को अब डाक के माध्यम से भी विदेशों में भी भेजा जा सकेगा। प्रवर डाक अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि प्रधान डाकघर में विशेष तौर पर टेराकोटा काउंटर खोला गया है। यहां कोई भी टेराकोटा कलाकृति की बुकिंग विदेशों के लिए कर सकता है। कलाकृति भेजने के लिए फ्लाइट में अलग से बुकिंग की जाएगी। बताया कि शुल्क देश और भार के मुताबिक लिया जाएगा। कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। औरंगाबाद के गुलाब चंद प्रजापति ने अपनी टेराकोटा की कलाकृतियों को खुद विदेशों में ले जाकर प्रदर्शन कर चुके हैं। विदेशों में उनकी कलाकृतियों की काफी डिमांड है। लेकिन सुविधा नहीं होने से वे लोगों को इसे भेज नहीं पाते थे। डाक विभाग की नई सुविधा से अब उन जैसे तमाम कलाकारों की समस्या का समाधान हो जाएगा। गुलाब चंद प्रजापति ने 1982 में बोरे में मिट्टी ले जाकर ब्रिटेन के बर्किंघम पैलेस में हुनर दिखाया था। वह 1985 में आस्ट्रेलिया और 1987 में हालैंड में अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैं। 1986 में लक्ष्मी प्रजापति ढाका में आयोजित एशियन रीजनल आर्टीजियन वर्कशॉप में कलाकृतियों का प्रदर्शन कर चुके हैं।