मथुरा। सोमवार की रात 12 बजते मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर घंटे-घड़ियाल, ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे और मृदंग बज उठे। शंख की आवाज के साथ मंगल ध्वनि गूंजने लगीं। हरि बोल के जयकारों के साथ ही कृष्ण भक्त नाच उठे। संपूर्ण मंदिर परिसर अजन्मे के जन्म के उत्साह में सराबोर हो गया। तिथि अष्टमी भाद्रपद, जन्मे कृष्ण मुरार, प्रगटे आधी रात को सोये पहरेदार.. के पद की गूंज सुनाई देने लगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हजारों भक्त इन पलों में ठाकुरजी के दर्शन कर भावविभोर हो गए। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में श्रीराधाकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष केशर आदि सुगंधित द्रव्यों में लिपटे भगवान कृष्ण के विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पहुंचे। रजत कमलपुष्प में विराजित कान्हा का महाअभिषेक सवा मन दूध, दही, घी, बूरा, शहद और दिव्य औषधियों से तैयार पंचामृत से किया गया। इस दौरान आसमान से पुष्पों की कृत्रिम बरसात होने लगी। महाभिषेक के बाद कन्हैया की शृंगार आरती की गई। श्रीकृष्ण के जन्म के इस अलौकिक दर्शन का यह दौर रात 1:30 बजे तक यूं ही चलता रहा। मथुरा में सोमवार कान्हा के जन्म के दर्शन की अभिलाषा के साथ आए भक्तों का हुजूम श्रीकृष्ण जन्मस्थान के आसपास उमड़ पड़ा। दर्शनार्थियों की लंबी कतारें लगी रहीं। घंटों इंतजार के बाद भक्तों को कन्हैया के अलौकिक दर्शन प्राप्त हुए। दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी श्रीकृष्णोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री योगी ने दोपहर के वक्त श्रीकृष्ण की पूजन किया। जो परंपरा अब तक श्रीकृष्ण जन्मस्थान के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज निभाते थे, उसे गोरखनाथ पीठधीश्वर योगी आदित्यनाथ (सीएम) ने निभाया। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर भगवान की जन्म ओर लीला भूमि की अलौकिक छवि ने भक्तों में मंत्रमुग्ध कर दिया। जन्मस्थान को जाने वाले सभी रास्तों के साथ तिराहे-चौराहे की सुंदरता आकर्षण का केंद्र बनी रही। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की खूबसूरती ने अद्भुत छटा बिखेरी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ ब्रज के अन्य मंदिरों में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। योगीराज का ब्रज की इस पावन धरा पर जन्मोत्सव मनाया जा रहा था, इधर दोपहर को बादल छाए रहे। प्रात:काल से ही काली घटाओं ने ब्रज के आंगन को ढक लिया था। शीतल मंद हवाओं ने लोगों को आनंदित किया। कान्हा के भक्त गलियों और सड़कों पर अपने लाडले के आने का इंतजार कर रहे थे, तभी हल्की बूंदाबांदी भी होती रही। वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर कृष्ण-बलराम इस्कॉन मंदिर में देशी-विदेशी भक्तों द्वारा ठाकुरजी के श्रीविग्रहों का पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद इस्कॉन मंदिर प्रांगण में हरे राम हरे कृष्ण की सुमधुर ध्वनि के मध्य देशी विदेशी भक्तों ने संकीर्तन किया।