उत्तराखंड। रानीपोखरी के जाखन नदी के ऊपर बने मोटरपुल के दो हिस्सों में टूटने के बाद लोनिवि नेशनल हाईवे डिवीजन डोईवाला ने नए मोटरपुल के सर्वे का काम शुरू कर दिया है। इस मोटरपुल के लिए निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क निधि से बजट पहले ही स्वीकृत हो चुका है। यहां पर 450 मीटर लंबा डबल लेन का मोटरपुल बनेगा। करीब 57 साल पहले 1964 में जाखन नदी के बने 431 मीटर लंबे मोटरपुल की जगह पर नया मोटरपुल बनाया जाना था। लोनिवि एनएच डोईवाला 2020 में 1411.70 लाख रुपये की डीपीआर (संशोधित) बनाकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजी थी, केंद्रीय सड़क निधि के तहत बजट भी स्वीकृत हो गया। लोनिवि के अधीक्षण अभियंता पीएस वृजवाल का कहना था कि वन विभाग से भूमि का हस्तांतरण न होने से एनएच डोईवाला की ओर से मोटरपुल का निर्माण नहीं किया जा सका था। शनिवार को लोनिवि डोईवाला डिवीजन के इंजीनियरों ने पुल के प्रस्तावित स्थान का सर्वे किया। लोनिवि एनएच डोईवाला के सहायक अभियंता प्रवीण सक्सेना ने बताया रानीपोखरी में डबल लेन का 450 मीटर पुल प्रस्तावित है। पुल के लिए बजट पहले ही स्वीकृत हो रखा है। वन विभाग से भूमि हस्तांतरण के तुरंत बाद पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इस काम में करीब दो माह का समय लग जाएगा। लोनिवि नेशनल हाईवे डिवीजन डोईवाला की ओर से केंद्रीय सड़क निधि से रानीपोखरी में क्षतिग्रस्त हुए मोटरपुल के समांतर ऊपर की ओर डबल लेन के मोटरपुल के निर्माण के 2018 और 2020 में संशोधित डीपीआर(विस्तृत कार्य विवरण) बनाकर केंद्र को भेजा गया था। लेकिन डीपीआर बनाने वाले अधिकारी यह भूल गए थे कि जिस जगह पर मोटरपुल प्रस्तावित है वह जगह देहरादून वन प्रभाग के थानो रेंज में आती है, थानो के रेंज अधिकारी नत्थीलाल डोभाल ने बताया कि एनएच डोईवाला के अधिकारियों ने भूमि हस्तांतरण के लिए आवेदन ही नहीं किया। यदि आवेदन किया जाता तो बहुत दिन पहले भूमि का हस्तांतरण हो जाता। लोनिवि के जो अधिकारी वन विभाग को पुल ढहने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं वह गलत है।