UP: राजधानी लखनऊ के लोकभवन में आयोजित 16वें वित्त अयोग की बैठक में राज्य सरकार ने केंद्रीय करो में हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का प्रस्ताव के साथ ही यूपी ने विशेष विकास योजनाओं के लिए स्पेशल फंड दिये जाने की मांग उठाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी मांगों को लेकर आयोग को मांग पत्र सौंपा है। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया सहित प्रदेश के सभी वरिष्ठ अधिकारी भी सामिल रहे।
राज्य सरकार की मांग पर आयोग ने कहा कि 28 में से 22 राज्यों ने करों में हिस्सेदारी 41 परसेंट से बढ़ाकर 50 परसेंट करने की मांग की है। आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के मुताबिक ये मांग बहुत ज्यादा है। इस पर चर्चा पर अंतिम निर्णय आयोग बाद में लेगा। आयोग की सिफारिशें 2026 से 2031 तक लागू होंगी। राज्य सरकार ने यूपी के विकास और सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों का ब्यौरा पेश किया जिसकी आयोग ने सराहना की है।
इसके अलावा प्रदेश ने करों में बंटवारे के फार्मूला में भी बदलाव की मांग की है। प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) द्वारा मापी गई आय अंतर (इनकम डिस्टेंस) मानदंड का भार पहले की तरह 45 प्रतिशत ही रखने की मांग की है। भौगोलिक क्षेत्रफल को 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की मांग की है।
जनसंख्या मानदंड 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत करने, जनसांख्यिकी को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने व वन एवं पारिस्थितिकी को 10 से घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की है। इसी प्रकार स्वयं के करों का मानदंड 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव आयोग को दिया है।
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