UP News: उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. गंगा और यमुना की नदियों में बढ़ते जलस्तर की वजह से अब तक 21 जिलों के 48 तहसीलें इसकी चपेट में आ चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रशासन को निर्देश दिए हैं.
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें राहत कार्यों के लिए मुस्तैदी से लोगों को राहत देने में लगी हुई हैं. बाढ़ के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के 57 जिलों में एनडीआरएफ की 14, एसडीआरएफ की 15 और पीएसी की 48 टीमों को तैनात किया गया है.
इन जिलों में बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव
राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में प्रदेश के 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, फतेहपुर, भदोही, फर्रुखाबाद, कासगंज शामिल हैं. बता दें कि इन सभी जिलों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं.
एक लाख से ज्यादा बाढ़ से प्रभावित लोगों को दी गयी राहत
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 21 जिलों की 48 तहसीलें प्रभावित हैं. इन इलाकों में बाढ़ से 1,72, 255 लोग प्रभावित हैं. इन सभी को राहत प्रदान की गयी है.
कई इलाकों में अब तक लगभग 1,20,00 खाद्यान्न पैकेट और 1,63,548 लंच पैकेट वितरित किये जा चुके हैं. वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 39 से ज्यादा लंगर के जरिये पीड़ितों को भोजन की सुविधा दी जा रही है.
मावेशियों का रखा जा रहा पूरा ध्यान
मानव जीवन के साथ-साथ सरकार ने पशुओं की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया है. 20,000 से अधिक मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और उनके चारे-पानी की समुचित व्यवस्था भी की गई है. पशु चिकित्सा टीमें भी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं.
लोगों सुरक्षित स्थान पर किया गया शिफ्ट
साथ ही उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए कुल 959 बाढ़ शरणालय स्थापित है, जिनमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकांशतः संचालित हैं, जहां 18,772 लोग अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं. अब तक इन सभी का 846 मेडिकल टीमों द्वारा मेडिकल चेकअप किया जा रहा है.
राहत आयुक्त ने बताया कि 1,277 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जो प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर निगरानी रख रही है. अब तक 38,615 लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है.
मेडिकल टीमें और दवाओं की व्यवस्था
बाढ़ के बाद संक्रमण और बीमारियों की आशंका को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तैनात की गई हैं. डॉक्टरों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ भी लगातार स्वास्थ्य जांच शिविर लगा रहे हैं. बुखार, डायरिया, संक्रमण आदि के लिए आवश्यक दवाएं, सैनिटाइज़र, ORS घोल आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
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