यूपी के मंदिरों में जल्द लागू होगा अत्याधुनिक फेस रिकग्निशन सिस्टम, चेहरा पहचानना होगा आसान

Up news: लखनऊ के नए हनुमान मंदिर में सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने फेस रिकग्निशन सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह प्रयोग सफल होने के बाद विभाग ने इसे अयोध्या, वृंदावन, काशी, प्रयागराज में भी लागू करने का निर्णय लिया है। जल्द ही इससे जुड़ी अन्य औपचारिकता पूरी की जाएगी विभाग की ओर से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य पर्यटकों की निगरानी को अधिक सुव्यवस्थित बनाना और संभावित सुरक्षा खतरों से निपटना है

अत्याधुनिक तकनीकी भीड़,आगंतुकों की पहचान करने में सक्षम

पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह अत्याधुनिक तकनीकी भीड़ पैटर्न की निगरानी, संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने और पहली बार आने वाले आगंतुकों की पहचान करने में सक्षम है। यह प्रयास पर्यटन आंकलन और साइट सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी उपयोगी है। इस सिस्टम से मंदिर परिसर में अनुचित या संदिग्ध गतिविधि में लिप्त व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।

इन मंदिरों में भी लगेगा अत्याधुनिक तकनीकी

विभाग अब इसे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और हनुमान गढ़ी, प्रयागराज के बड़े हनुमान जी मंदिर व अलोपी देवी मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर व बटुक भैरव मंदिर, कुसुम सरोवर (मथुरा) और वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर व प्रेम मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों पर लागू करने की तैयारी कर रहा है।

शुरक्षा को लेकर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत हनुमान मंदिर में वीआईपी गेट समेत प्रमुख प्रवेश और निकास द्वार पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग आगे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के साथ मिलकर एक नया और अधिक मजबूत व व्यापक डेटाबेस विकसित करने की योजना बना रहा है। इसके माध्यम से स्थानीय निवासियों, दूसरे शहरों से आने वाले पर्यटकों और पहली बार आने वालों के बीच स्पष्ट अंतर पता लग सकेगा।

इसे भी पढ़ें: पूर्व पीएम पं.जवाहरलाल नेहरु की 61वीं पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी, सोनिया गांधी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *