Varanasi: चंद्रयान 3 का निर्माण भले ही इसरो ने किया हो लेकिन एक चंद्रयान 3 का निर्माण काशी में भी हो रहा है। ये चंद्रयान वैज्ञानिक नहीं बल्कि काशी के शिल्प कलाकार बना रहे हैं। ओडीओपी और जीआई उत्पादों में शामिल काशी की काष्ठ कला का बेजोड़ नमूना चंद्रयान 3 के रूप में देखने को मिल रहा है। वाराणसी वूडेन लेकरवेयर एंड टॉयज (लकड़ी खिलौना उद्योग) के शिल्पियों ने इसरो के वैज्ञानिकों के सम्मान में लकड़ी से चंद्रयान -3 को हूबहू बनाया है। इस चंद्रयान -3 के मॉडल की मांग देश के अलग अलग हिस्सों से खूब आ रही है। शिल्पी इसकी मांग पूरी करने में जुटे हुए है। बनारस के शिल्पी चंद्रयान-3 के मॉडल को सबसे पहले अपने सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ और इसरो के चेयरमैन सोमनाथ को भेंट करना चाहते हैं।
पीएम और सीएम को भेंट करेंगे मॉडल
चंद्रयान -3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद काशी की काष्ठ कला को भी चार चांद लग गए हैं। चंद्रयान -3 की सफलता से भारत के वैज्ञानिकों का लोहा विश्व मानने लगा है। वही भारत के शिल्पियों को भी चंद्रयान-3 की सफलता ने व्यवसाय का नया बाजार खोल दिया है। शिल्पी शुभी अग्रवाल ने बताया कि चंद्रयान की सफ़ल लैंडिंग बाद इसरो के वैज्ञानिकों के सम्मान में हम सभी शिल्पकार कुछ करना चाहते थे। हम लोगों ने चंद्रयान-3 का हूबहू मॉडल बनाया है और इस मॉडल को पीएम मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इसरो के चेयरमैन को भेंट करना चाहते हैं। यदि हम शिल्पी इन लोगो से मिल नहीं पाएंगे तो चंद्रयान-3 के इस मॉडल को किसी अन्य मध्यम से उन तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।
योगी सरकार के प्रयासों से पुश्तैनी कार्य से जुड़ रहे लोग
योगी सरकार ने काशी की काष्ठ कला को विश्व के फलक तक पहुंचा दिया है। लकड़ी खिलौना उद्योग के शिल्पी और व्यवसायी बिहारी लाल अग्रवाल ने बताया कि चंद्रयान -3 के मॉडल में विक्रम लैंडर का मॉडल बनाया है। काशी की प्राचीन कला लकड़ी का खिलौना उद्योग से जुड़े शिल्पिओं ने इसे लकड़ी पर बहुत ख़ूबसूरती से उकेरा है। इसमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है। लोलार्क कुंड के कारखाने में इसे रात -दिन की मेहनत के बाद मूर्त रूप दिया गया है। अब चंद्रयान -3 मॉडल की डिमांड दक्षिण भारत, जयपुर, दिल्ली, मुंबई आदि मार्केट से आ रही है। सिंगापुर के व्यवसाइयों से भी एक्सपोर्ट करने की बात चल रही है। बिहारी लाल अग्रवाल ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोदी और योगी जी द्वारा गिफ्ट देने से ये उद्योग दुनिया की नजर में फिर से आया है। योगी सरकार द्वारा ट्रेनिंग प्रोग्राम, आर्थिक सहायता और लकड़ी खिलौना उद्योग को बड़ा बाज़ार दिलाने से पुस्तैनी काम से दूर जा रहे लोग दुबारा जुड़ने लगे है।