Varanasi: हिमालयी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश और प्रदेश में विभिन्न जिलों में मूसलाधार बरसात के अलर्ट के बाद वाराणसी में भी बाढ़ को लेकर योगी सरकार अलर्ट मोड में है। सरकार ने संभावित बाढ़ के खतरों को देखते हुए सभी संम्बंधित विभागों को अलर्ट कर दिया है। वाराणसी की 11 बटालियन एनडीआरएफ बाढ़ के खतरों से निपटने के लिए कमर कस चुकी है। एनडीआरएफ ने प्री-पोजीशनिंग करके अपनी टीमों को मुस्तैद कर दिया है। वाराणसी स्थित 11 बटालियन एनडीआरएफ़ उत्तर प्रदेश के 42 जिलों तक बचाव और राहत कार्य करती है।
योगी सरकार ने पहाड़ो में हुई बारिश और आपदा को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ राहत एजेंसियो को सतर्क कर दिया है। उप महानिरीक्षक, 11 एनडीआरएफ मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि बाढ़ के दौरान किसी भी परिस्थियों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह तैयार है। वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित किया जा चुका है। इसके लिए एनडीआरएफ की 4 टीम (एक टीम में 35 से 40 प्रशिक्षित जवान होते हैं) मुस्तैद है। साथ ही मेडिकल टीम और वाटर एम्बुलेंस की भी तैनाती की गई है। उप महानिरीक्षक ने बताया कि एक टीम में 35 बचाव सदस्य रहते हैं,एक टीम के पास 4 बोट या ओबिएम(OBM) बचाव के लिए है। हर टीम में ऑक्सीजन सिलेंडर समेत सभी उपकरणों के साथ 2 डीप डाइवर्स (गोताख़ोर) तैनात किये गए हैं। साथ ही पर्याप्त मात्रा में लाइफ जैकेट,लाइफ बॉय (ट्यूब) आदि बचाव के उपकरण मौजूद हैं।
मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जिस जिले में हर साल अधिक बाढ़ आती है, उन जिलों को पहले से चिह्नित किया गया है। इनमें गोरखपुर,लखीमपुर खीरी,बहराइच, लखनऊ और बलिया में भी सभी बचाव और राहत उपकरणों के साथ एक एक टीम तैयार है। यदि किसी जगह पर और अधिक टीम की जरुरत पड़ेगी तो उसके लिए भी एनडीआरएफ पूरी तरह से तैयार और मुस्तैद है। एनडीआरएफ आम जनता को प्रशिक्षण देकर बाढ़ से बचाव के उपाय भी सिखा रही है।