77th Independence Day: स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर पूरे देश में ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के रंग में सराबोर नजर आ रहा है। इस दौरान लोग अपने घर की छत, दरवाजों, वाहनों आदि जगहों पर तिरंगा लगाते हैं। बेशक लोग ऐसा करके देशभक्ति और देशप्रेम का भाव व्यक्त करते हों, लेकिन तिरंगे को लगाने के भी कुछ नियम होते हैं। घर, वाहन या कहीं भी तिरंगा लगाने से पहले आपको इससे जुड़े नियम अवश्य जान लेने चाहिए, क्योंकि वाहन पर झंडा लगाने की हर किसी को इजाजत नहीं होती है। तो चलिए जानते है तिरंगा लगाने के नियमो के बारे में…
सभी लोग गाड़ी पर क्यो नहीं लगा सकते तिरंगा
स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस लोग बेझिझक अपनी गाड़ियों पर तिरंगा लगा लेते हैं, जबकि भारत में वाहन पर झंडा लगाने की अनुमति सिर्फ कुछ खास व्यक्तियों को ही इसे लगाने की अनुमति होती है। अगर आप भी ऐसी गलती करते हैं तो आज पहले झंडा लगाने के नियम जान लीजिए।
किस कपड़े से बनता है तिरंगा?
भारत में राष्ट्रीय ध्वज फहराना, सम्मान-अपमान और इस्तेमाल, अधिनियम 1970 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के अंतर्गत आते हैं। भारतीय ध्वज संहिता में साल 2021 में हुए संशोधन के बाद पॉलिएस्टर और मशीन से बने तिरंगे को भी अनुमति दे दी गई है। अब तिरंगा हाथ से काते और बुने हुए या मशीन से बने पॉलिएस्टर/खादी/ऊन/रेशम या कपास से भी बना हो सकता है।
रात में भी फहराया जा सकते हैं तिरंगा?
भारतीय ध्वज संहिता में 19 जुलाई 2022 के आदेश के बाद एक बार फिर से संशोधन हुआ, जिसके तहत यह कानून बना कि झंडे को खुले में प्रदर्शित किया जा सकता है। जनता तिरंगा अपने घर पर भी फहरा सकती है। इसके अलावा, इसे रात-दिन भी फहराया जा सकता है।
कौन-कौन झंडा लगा सकता है तिरंगा?
भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, वाहनों पर केवल 225*150 मिलीमीटर आकार के झंडे का ही इस्तेमाल होगा। झंडा लगाने के विशेष अधिकार में ये संवैधानिक गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं – राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल, उप-राज्यपाल, प्रधानमंत्री, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, लोक सभा अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, केबिनेट मंत्री, राज्य सभा अध्यक्ष, राज्यों अथवा संघ के मुख्यमंत्री, विधानसभाओं के अध्यक्ष। भले ही लोग बेझिझक अपनी गड़ियों पर झंडा लगा लेते हों, लेकिन भारतीय ध्वज संहिता के मुताबिक गाड़ी पर झंडा लगाने की अनुमति आम नागरिक को नहीं है।