Kashi Tamil Sangamam 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण व संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ एल. मुरुगन के साथ शनिवार को नमो घाट पर बटन दबा कर काशी तमिल संगमम का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं, जिनके नेतृत्व में लगातार तीसरी बार काशी तमिल संगमम का बाबा विश्वनाथ की पावन धरा पर शुभारंभ हो रहा है. यह एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को आगे बढ़ाने का महायज्ञ है.
सीएम योगी ने कहा कि इस बार इसलिए अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ प्रयागराज में चल रहा है. ऐसे में संगमम उसी क्षण का हिस्सा बन रहा है. देश को पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण को जोड़ने का कार्य जो कभी शंकराचार्य ने किया था. वही कार्य आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी तमिल संगमम् के माध्यम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए कर रहे हैं.
महाकुंभ का भी किया जिक्र
सीएम योगी ने कहा कि काशी देश की सबसे पुरानी नगरी है. इस बार संगमम के साथ आप सभी को वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की संस्कृति से जुड़ने का सौभाग्य मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह दुनिया का पहला ऐसा महासंगम है, जिसका हिस्सा अब तक 51 करोड़ लोग बन चुके हैं.
उन्होंने कहा कि काशी प्राचीन समय से ही ज्ञान की राजधानी रही है, जो तमिलनाडु के प्राचीन ग्रंथों में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है. इस बार काशी तमिल संगमम् महर्षि अगस्त्य को समर्पित है. नए भारत की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए ही महर्षि अगस्त्य को केंद्र में रखकर काशी तमिल संगमम् का थीम रखा गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि माता सीता को खोजने और राम-रावण युद्ध में आदित्य स्त्रोत देने वाले महर्षि अगस्त्य ही थे. आप सभी को इससे जुड़ने का मौका मिलेगा. पीएम मोदी का यह मिशन आगे भी लगातार जारी रहेगा. तमिलनाडु से आए मेहमानों को 144 वर्ष पर प्रयागराज में लगे महाकुंभ और 500 वर्ष बाद अयोध्या में बने रामलला का दर्शन भी कराया जाएगा.
इसे भी पढें:-Delhi New CM: किसके सर सजेगा दिल्ली के सीएम का ताज, इस दिन नाम पर लगेगी मुहर, आज नियुक्त हो सकता है पर्यवेक्षक