NASA-ISRO: राजधानी लखनऊ निवासी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इसरो की ओर से भारत और अमेरिका के संयुक्त अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने के लिए चुना गया है. इस मिशन में शुभांशु के साथ भारत के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी हैं. यह मिशन एक्सिओम स्पेस कंपनी और अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच सहयोग का हिस्सा है, जिसमें ये दोनों भारतीय अप्रैल 2025 में स्पेस-X के यान के जरिए अंतरिक्ष में रवाना होंगे.
दरअसल कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अमेरिका के नासा में प्रशिक्षण का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिसकी जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को अपने एक्स हैंडल पर दी. ऐसे में भारत और अमेरिका के संयुक्त अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजे जाने के लिए शुभांशु को प्राइम एस्ट्रोनॉट के तौर पर चुना गया है.
माता-पिता बोले- हमें ईश्वर पर पूरा भरोसा
वहीं, इस यात्रा में आने वाली चुनौतियों को लेकर पूछे गए सवाल पर उनके माता पिता ने कहा कि हमें ईश्वर पर पूरा भरोसा है. हम रोजाना भगवान से मिशन की कामयाबी के लिए प्रार्थना करते हैं. हमारी प्रार्थना जरूर रंग लाएगी. दरअसल, अंतरिक्ष को बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है. दुनिया के कई देश एस्ट्रोनॉट्स और स्पेस शिप्स भेजकर अंतरिक्ष अभियान चलाते रहते हैं. वहां शून्य ग्रेविटी में रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को कई तरह की शारीरिक और मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
अगस्त में शुरू हुआ था प्रशिक्षण
बता दें कि अगस्त 2023 में अमेरिका के नासा में शुरू हुए प्रशिक्षण में दोनों को अंतरिक्ष यात्रा की जटिलताओं के लिए तैयार किया गया. इसमें मिशन में दिए जाने वाले सुविधाओं के बारे में और लॉन्चिंग की प्रक्रियाओं के अध्ययन के साथ ही क्रू ड्रैगन यान का अभ्यास भी शामिल है. इसके अलावा, शून्य ग्रेविटी में आपात स्थितियों का अभ्यास कराया गया है.
मिशन का मकसद
जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2025 में भेजे जा रहे एक्सिओम-4 मिशन के तहत ये अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे. इस दौरान वे वहां माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ ही जीवन सहायक उपकरण चलाना सीखेंगे.
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