UP Budget 2025: आज यूपी की योगी सरकार का 9वां बजट पेश किया गया, इस दौरान राज्य की वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 8 लाख, 8 हजार 736 करोड़ का बजट पेश किया. विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए बजट में कई बड़े एलान किए गए हैं, जिसमें किसानों का भी विशेष ध्यान रखा है. किसानों के लिए कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के साथ उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के लिए कई ऐलान किए हैं.
कृषि क्षेत्र में-
- बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बुआई का क्षेत्र बढ़ाने, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से निःशुल्क मिनी किट वितरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जिसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- प्रदेश को प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश बीज स्वावलंबन नीति, 2024 के तहत प्रदेश में सीड पार्क विकास परियोजना संचालित है. इसके लिए 251 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग योजना के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. इसके लिए 124 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- इसके अलावा, पीएम कुसुम योजना के तहत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पंपों की स्थापना कराई जा रही है. इसके लिए 509 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
- वहीं, कृषि क्षेत्र की क्षमता एवं कौशल विकास तथा उत्पादन वृद्धि की योजना के लिये 200 करोड़ रुपये एवं विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार क्षेत्र में-
- इसके अलावा, कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यों में गतिशीलता बनाए रखने तथा कृषकों को प्रभावी परिणाम उपलब्ध कराने के लिए पांच कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित हैं.
- इतना ही नहीं, प्रदेश में 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई है. प्रदेश में कुल 89 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हैं.
- वहीं, कुशीनगर जिले में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में शोध कार्य के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- कृषि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 86 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के लिए-
- ड्राप मोर क्रॉप माइक्रो इरीगेशन योजना के लिए 720 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- राष्ट्रीय औद्यानिक/बागवानी मिशन योजना के लिए 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के अंतर्गत प्रोत्साहन के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है.
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के क्षेत्र में-
विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि गन्ना की खेती और चीनी मिलें, प्रदेश की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण विकास की प्रमुख धुरी हैं. बता दें कि यूपी देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है. ऐसे में गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 475 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
इसके अलावा, पिपराइच चीनी मिल में 60 केएलपीडी क्षमता की आसवानी की स्थापना के लिए 90 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. साथ ही बंद पड़ी छाता चीनी मिल पर 2000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल एवं लॉजिस्टिक हब वेयर हाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
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