Up news: उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट की मंगलवार को अहम बैठक की. इसमें कई अहम फैसले लिए गए. कैबिनेट ने पैतृक संपत्ति बंटवारे की लिखा-पढ़ी यानी स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्री में 5-5 हजार रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यानी 10 हजार रुपये में पैतृक संपत्ति बंटवारे की पूरी तरह से लिखा पढ़ी हो जाएगी. सरकार ने इसके लिए कुछ शर्तें भी लगाई हैं.
छूट का फायदा सिर्फ इन शर्तों पर मिलेगा
यह छूट परिवार के सदस्यों के अन्तर्गत अधिकतम तीन पीढ़ी के वंशजों के मध्य पैतृक अचल सम्पत्ति के विभाजन से सम्बन्धित पर ही उपलब्ध होगी. यह छूट केवल उन विभाजन विलेखों पर ही उपलब्ध होगी जहां पारिवारिक सदस्यों के बीच पैतृक अचल सम्पत्ति का बंटवारा वर्तमान उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार उत्तराधिकारियों को प्राप्त होने वाले वैधानिक अंश के अनुरूप किया गया हो.
छूट प्राप्त करने हेतु पक्षकारों को तीन पीढ़ियों का उल्लेख करते हुए कुटुंब रजिस्टर प्रस्तुत करना होगा. इसमें प्रत्येक जीवित व्यक्ति को विधि के अनुसार प्राप्त होने वाले हिस्से के मूल्यांकन को अंकित किया जाएगा. यह छूट मात्र वास्तविक व्यक्तियों के स्वामित्वाधीन सम्पत्तियों के विभाजन पर उपलब्ध रहेगी.
जानिए कैबिनेट की बैठक में खास बातचीत
इस कैबिनेट की बैठक के बाद स्टांप और पंजीयन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल ने कहा है कि जल्द से जल्द ही संबंधित शासन आदेश जारी करवा दिया जाएगा अब शासन आदेश होते ही₹10000 के खर्चे पर संपत्ति के बंटवारे की लिखा पढ़ी करवाने में आसानी पड़ेगी आगे जायसवाल ने बताया है कि स्टांप और निबंधन शुल्क में भारी भरकम छूट देने से विभाजन विलेख के पंजीकरण बढ़ेंगे ऐसे में पारिवारिक विवाद घटेंगे जिससे दीवानी और राजस्व न्यायालय में मुकदमे घटेंगे उल्लेखनीय है कि विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित संपत्ति से संयुक्त हिस्सेदारी होते हैं संपत्ति का विभाजन उनके बीच भी होता है.
राजस्व को 6.39 करोड रूपए का होगा नुकसान
इसी बीच राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और कर्नाटक आदि राज्यों की तरह प्रदेश वासियों को पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर स्टांप ड्यूटी और निबंधन शुल्क में छूट देने से सरकार को करीब 6.39 करोड रूपए राजस्व का नुकसान होने की संभावना जताई गई है. जिसमें 5.69 करोड रुपए स्टांप ड्यूटी और 80.68 लख रुपए निबंधन शुल्क से घटना का अनुमान किया गया है विभागीय मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया है कि छूट देने से विभाजन के रजिस्ट्रीकरण को जबरदस्त प्रोत्साहन मिलेगा.
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