Chhath Puja 2025: लोक-आस्था से छठ महापर्व का आज यानी सोमवार को तीसरा दिन है. इस दिन छठव्रती पूरे दिन निर्जल व्रत रखते हुए शाम को डूबते यानी अस्थागामी सूर्य को अर्घ्य देते है. यह त्योहार भगवान सूर्य और माता छठी को समर्पित होता है.वैदिक पंचांग के अनुसार छठ महापर्व कार्तिक माह की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जिसमें अस्त होते और उदय होते सूर्य देवता को अर्घ्य देकर मनाया जाता है.
छठ पूजा संध्या अर्घ्य समय
छठ पूजा संध्या अर्घ्य समय 27 अक्टूबर 2025 की शाम 5 बजकर 10 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है.
छठ पूजा उषा अर्घ्य समय
छठ पूजा उषा अर्घ्य समय 28 अक्टूबर 2025 की सुबह 6 बजे से 6 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
छठी मैया को माना जाता है सूर्य की बहन
27 अक्तूबर यानी आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जो बहुत ही खास होता है. इस दिन संध्या अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है.षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य सप्तमी को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है. छठी मैया को देवी कात्यायनी (मां पार्वती का रूप) और सूर्यदेव की बहन माना जाता है. इसलिए यह व्रत सूर्य-षष्ठी या छठी देवी के नाम से प्रसिद्ध हुआ.
छठ पूजा संध्या अर्घ्य विधि
- संध्या अर्घ्य के लिए व्रती साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर पूरे परिवार के साथ घाट या जलाशय पर जाते हैं.
- एक बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना, दीया और अन्य प्रसाद रखा जाता है.
- सूर्य देव के अस्त होने से पहले व्रती जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं.
- साथ ही अर्घ्य देते समय “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप किया जाता है और छठ गीत गाए जाते हैं.
- अर्घ्य के बाद व्रती सूर्य व छठी मइया से सुख-समृद्धि, संतान सुख और स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं.
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