वाराणसी। पूर्वांचल में गोरखपुर, देवरिया में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज मिलने के बाद अब सतर्कता बढ़ा दी गई है। आईएमएस बीएचयू में भी वैज्ञानिक सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कर डेल्टा वैरिएंट का पता लगाने में लगे हैं। अब तक आईएमएस बीएचयू के एमआरयू लैब में 250 सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग में एक भी मरीज में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। प्रदेश सरकार की पहल पर ही आईएमएस बीएचयू में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान के लिए ही यहां वाराणसी, प्रयागराज, आजमगढ़, गोरखपुर आदि जिलों से आने वाले कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग कराई जा रही है। आईएमएस बीएचयू के वैज्ञानिक के साथ ही करीब 50 लोगों की टीम जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से यह पता लगाने में लगे हैं कि आखिर कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा प्लस वैरिएंट कैसे पहुंचा। एमआरयू लैब की नोडल अफसर प्रो. रोयाना सिंह का कहना है कि अभी वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, जौनपुर के सैंपल की जांच की जा रही है। गोरखपुर, प्रयागराज़ समेत पूरे पूर्वांचल की सैंपलिंग का काम भी जल्दी शुरू होगा।