प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) की कार्य परिषद ने एकेडमिक कौंसिल के निर्णय को पलट दिया है। विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अब लिखित परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी, बल्कि पूर्व की भांति सीधे इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती होगी और एक पद के लिए आठ अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाएगा। मंगलवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया और इसी के साथ विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती पर अंतिम मुहर लगा दी गई।
इविवि की चार अगस्त को हुई एकेडमिक कौंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया था कि इस बार असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जो क्वालीफाइंग होगी और इसके बाद क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों के आवेदनों की स्क्रीनिंग के आधार पर इंटरव्यू कराए जाएंगे। एकेडमिक कौंसिल ने यूजीसी रेगुलेशन 2018 के तहत लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया था, ताकि शिक्षक भर्ती में पारदर्शिता लाई जा सके और योग्य अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ें। कार्य परिषद के सदस्यों का सुझाव था कि यूजीसी की विस्तृत गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए 100 नंबर की प्रस्तावित लिखित परीक्षा की जरूरत नहीं है और इसको हटाया जा सकता है। सदस्यों के प्रस्ताव पर परिषद ने मुहर लगा दी और लिखित परीक्षा हटाने का निर्णय लिया गया।
कार्य परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय के फैकल्टी रिक्रूटमेंट सेल की ओर से शिक्षक भर्ती के रोस्टर का प्रस्तुतिकरण किया गया और रिक्त रिक्त पदों के बारे में परिषद को सूचित किया गया, जिसके अनुसार विश्वविद्यालय में कुल 595 पद रिक्त हैं। इनमें 357 पद असिस्टेंट प्रोफेसर, 168 एसोसिएट प्रोफेसर और 78 पद प्रोफेसर के हैं। बैठक में बताया गया कि इन पदों को भरने की प्रक्रिया यूजीसी की गाइडलाइन के हिसाब से होगी और एक पद के लिए आठ अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।‘
कार्य परिषद की बैठक में शिक्षक भर्ती पर अंतिम मुहर लगा दी गई है। असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए लिखित परीक्षा नहीं होगी। शिक्षक भर्ती के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।’