वाराणसी। कचरे से बिजली बनाने का प्लांट बनारस में लगने जा रहा है। इसका निर्माण दीपावली से पहले शुरू होने जा रहा है। नवी मुंबई व दिल्ली में भी ऐसा प्लांट लगाया गया है, जहां कचरे से बिजली बन रही है। प्लांट स्थापना के बाद कचरे से बिजली बनाई जाएगी। बनारस में प्लांट के लिए रमना में स्थान चिह्नित कर लिया गया है। 10 अगस्त को निविदा खोली गई। अब टेक्निकल बिड खोलने का इंतजार किया जा रहा है। यह कवायद एनटीपीसी की ओर से की जा रही है। यदि निविदा की कवायद वक्त पर पूरी हुई तो सवा साल में कचरे से बिजली बनाने का प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा। नगर निगम प्रशासन की प्लानिंग के अनुसार रमना में बिजली बनेगी तो करसड़ा में खाद। इसके लिए सूखा व गीला कचरा अलग करना होगा जो कार्य घर से होगा। इसके लिए शहरवासियों को जागरूक किया जाएगा ताकि सूखा व गीला कचरा की उठान घर से ही हो सके। सूखे कचरे से बिजली बनेगी तो गीले कचरे से खाद। बिजली बनाने के लिए प्लांट को प्रतिदिन छह टन कचरा उपलब्ध कराया जाएगा। एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम ने रमना में कचरे से ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। ईपीसी (एनर्जी प्रोक्युरमेंट कंस्ट्रक्शन) पैकेज के लिए दो चरण बोली के आधार पर आनलाइन निविदा आमंत्रित की है। 22 जून को शुरू हुई निविदा प्रक्रिया 27 जुलाई को समाप्त होनी थी, लेकिन कागजी कोरम पूरा करने के लिए 10 अगस्त की तारीख सुनिश्चित की गई। कचरे से बिजली बनाने का प्लांट 30 सितंबर 2022 बनकर तैयार हो जाएगा। कचरा को पृथक करने के लिए प्लांट में भी मशीन स्थापित की जाएगी। रमना में नगर निगम की जमीन पर फिलहाल, कचरा डंप किया जाता रहा है। हालांकि ग्रामीणों के विरोध से वर्तमान में वहां कचरा नहीं फेंका जा रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक इस प्लांट के निर्माण में 300 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन किया गया है। रमना के कचरा डंपिंग क्षेत्र में प्लांट की स्थापना की जाएगी।