अमेठी। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत चयनित पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अब 15 दिन तक गांव-गांव कैंप आयोजित होगा। कैंप में गांव के ऐसे परिवार को बुलाया जाएगा, जिनका अब तक आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। ऐसे लाभार्थियों की सूची संबंधित गांव के पंचायत भवन पर चस्पा भी कर दी गई है। घर से बुलाकर एक सदस्य को लाने पर पांच तो परिवार के कई सदस्यों को लाने पर आशा बहू को दस रुपये मिलेंगे। गरीब परिवार के लोगों को इलाज की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए भारत सरकार की ओर से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 23 सितंबर 2018 को तो मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एक मार्च 2019 को शुरू की गई थी। इसमें वर्ष 2011 में हुई सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना के अनुसार आर्थिक रूप से पिछड़े एक लाख 32 हजार 856 परिवारों को पात्र मानते हुए चयनित किया गया था। योजना का लाभ पाने के लिए चयनित परिवार व सदस्यों का गोल्डन कार्ड बनना अनिवार्य है। हालांकि विभाग की ओर से किए गए तमाम प्रयास के बावजूद जिले में अब तक सिर्फ 73 हजार 412 परिवारों का ही गोल्डन कार्ड बन सका है। 45 हजार 273 परिवारों का कार्ड बनना अभी शेष है। हर गरीब को लाभ देने के लिए शासन ने 16 से 30 सितंबर तक अभियान चलाकर गांव-गांव कार्ड बनाने की योजना बनाई है। योजना को सफल बनाने को लेकर सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने बुधवार को प्रेस वार्ताकर तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गोल्डन कार्ड से वंचित लाभार्थियों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। जिन गांवों में ज्यादा लाभार्थी हैं, उन गांवों में कैंप लगाकर कार्ड बनाया जाएगा। लाभार्थियों की सूची संबंधित गांव के पंचायत भवन व एएनएम सेंटर पर चस्पा करने के साथ ही एएनएम व आशा बहू को मुहैया करा दी गई है। आशा व आरोग्य मित्र सूची में शामिल लाभार्थियों को उनके घर से बुलाकर कैंप तक लाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के 5,528 लाभार्थियों का इलाज कराते हुए पांच करोड़ सात लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है।