नई दिल्ली। देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण की परेशानी अस्थमा के मरीज ही समझ सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि देश में हर दिन जश्न मनाए जाते हैं। जश्न मनाना अच्छी बात है, जरूर मनाना चाहिए लेकिन जश्न में आतिशबाजी की जाती है। यह परेशानी पैदा करने वाली बात है। पीठ ने कहा कि हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। अस्थमा के मरीजों से पूछो, क्या परेशानी होती है। बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। लोग अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं। पीठ ने कहा जश्न तो ठीक है, हमें अन्य मुद्दों पर भी विचार करने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने ये मौखिक टिप्पणियां पटाखा निर्माताओं के खिलाफ अवमानना याचिका और वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों पर सुनवाई के दौरान की।