स्कूल प्रबंधन के साथ अभिभावकों को भी सतर्क रहने की है जरूरत: विशेषज्ञ
उत्तराखंड। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने देश में दस्तक दे दी है। डायबिटीज, एनीमिया (खून की कमी) और अस्थमा जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में अगर बच्चा इन बीमारियों से ग्रस्त है, तो उसका खास ख्याल रखने की जरूरत है। बच्चों में कोरोना आशंकित लक्षणों को बिल्कुल भी नजर अंदाज न करें। आपकी जरा सी लापरवाही से कोरोना का नया वैरिएंट बीमार बच्चों पर अटैक कर सकता है।प्रदेश में अब तक कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का एक भी केस नहीं मिला है। लेकिन नए वैरिएंट के खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों में बच्चों की कोरोना जांच शुरू कर दी है। स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों की स्क्रीनिंग और काउंसलिंग भी की जा रही है। बता दें कि देश में ओमिक्रान वैरिएंट के मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ओमिक्रान वैरिएंट बड़ी तेजी के साथ फैलता है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन के साथ अभिभावकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। एसपीएस राजकीय अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित उपाध्याय बताते हैं कि गंभीर बीमारी की स्थिति में कोरोना संक्रमित होने का संभावना बढ़ जाती है। डायबिटीज, एनीमिया, अस्थमा जैसे रोग और कुपोषण का शिकार बच्चें प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते कोरोना संक्रमण की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। इसलिए अभिभावक बच्चों में बुखार, खांसी, उल्टी और सांस फूलने जैसे लक्षणों बिल्कुल भी हल्के में न लें। हल्के फुल्के लक्षण नजर आने पर बच्चों को स्कूल न भेजे। बच्चें की कोरोना जांच कराएं और उपचारके लिए डाक्टर से संपर्क करें। इस दौरान अभिभावक और बच्चा दोनों अनिवार्य रूप से मास्क का प्रयोग भी करें। कैसे बढ़ाएं बीमार बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता:- बच्चों को पौष्टिक भोजन दें, जिसमें दाल और सब्जियां प्रचूर मात्रा में शामिल होनी चाहिए। बच्चों को दूध का सेवन जरूर कराएं। बच्चें शरीरिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखें। बच्चों का मास्क पहनकार की स्कूल भेजें। किसी सतह को छूने के बाद हाथ धोने की क्रिया को बच्चों की आदत में शामिल करवाएं। बच्चों को घर से ही पानी की बोतल दें। डायबिटीज से ग्रस्त बच्चों के शुगर लेवल की लगातार निगरानी करते रहें। अस्थमा पीड़ित बच्चों समय पर जरूरी दवा दें। एनीमिया पीड़ित बच्चों को दलिया, हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, दालों का सेवन जरूर कराएं।