मथुरा। बरसाना की फेमस लट्ठमार होली आज से शुरू हो गई है। आज के दिन रवि योग बना है। रवि योग में बरसाना की गोपियां नंदगांव के हुरयारों के साथ लट्ठमार होली का आनंद लेंगी। आज नंदगांव के हुरयारे लट्ठमार होली खेलने के लिए बरसाना आते हैं, जहां पर महिलाएं, जिनको हुरियारिन कहते हैं, वे रंग, गुलाल, पान, मिठाई और लट्ठ से उनका स्वागत करती हैं। आज रवि और प्रीति योग में लट्ठमार होली मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, हर वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को लट्ठमार होली खेली जाती है। इसका निमंत्रण एक दिन पूर्व यानि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को बरसाना से नंदगांव भेजा जाता है। पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि आज 02:21 बजे शुरू हुई है और यह 01 मार्च को प्रात: 04:18 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन शुक्ल नवमी आज 28 फरवरी को है, इसलिए आज बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाएगी।
रवि और प्रीति योग में लट्ठमार होली :-
आज लट्ठमार होली के दिन रवि योग और प्रीति योग है। रवि योग आज सुबह 07:20 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 06:47 बजे तक है। प्रीति योग शाम को 04:26 बजे से पूरी रात रहेगा। आज का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:11 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक है। आज रोहिण नक्षत्र सुबह 07:20 बजे तक है, उसके बाद से मृगशिरा नक्षत्र है।
कैसे खेलते हैं लट्ठमार होली?
नंदगांव के हुरयारे बरसाना में आते हैं। हुरियारिन उन पर रंग और गुलाल डालती हैं। वे हुरियारिन के साथ हंसी-ठिठोली करते हैं। इस दौरान हुरियारिन उनको डंडे से मारती हैं और हुरयारे ढाल से अपना बचाव करते हैं। इस दौरान गीत, संगीत, नृत्य आदि का आयोजन होता है। कई बार हुरियारिन हुरयारों को पकड़कर महिलाओं की वेशभूषा में उनसे नृत्य कराती हैं। यह सारा कार्यक्रम हंसी मजाक के माहौल में होता है।
कैसे शुरु हुई लट्ठमार होली?
पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ग्वाल बाल के साथ राधाजी से मिलने के लिए बरसाना गए थे। वहां पर वे और उनके सखा गोपियों को चिढ़ाने लगे। इस पर गोपियों उनके पीछे डंडा लेकर पड़ गईं। लट्ठमार होली के पृष्ठभूमि में यही घटना है।