नई दिल्ली। सुरक्षा एजेंसियों ने ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर 10 लोगो को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये लोग सेना का जवान बन कर लोगों को ठगने का काम करते थे। इन लोगों ने करीब 60 लोगों को अपना शिकार बनाया है। गिरोह की तलाश में गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों की पुलिस लगी थी।
अधिकारियों ने बताया कि पुणे स्थित दक्षिणी सेना कमान की मिलिट्री इंटेलिजेंस इकाई ने इस गिरोह के बारे में जानकारी साझा की थी, जिसके बाद एजेंसियों ने इन पर लगाम लगाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया था।
बता दें कि एक कुख्यात साइबर अपराधी और मामले में कथित सरगना 30 वर्षीय संजीव कुमार को पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर से पकड़ा था। बाद में एमआई के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीमों ने इससे पूछताछ की। इस पूछताछ के बाद हरियाणा के कैथल जिले के नूंह और डीग में छापेमारी की गई। वहीं छापेमारी के दौरान नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया।
एमआई के अधिकारी द्वारा बताया गया कि ये लोग ऑनलाइन किराए पर घर लेने या कुछ सामान खरीदने के बहाने से लोगों को फसाते थे। दीपक बजरंग पवार के नाम पर एक सेवारत सैन्यकर्मी के जाली पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके लोगों का विश्वास हासिल करते थे। इनका एक पैटर्न था कि एक संपत्ति किराए पर लेने या कुछ सामान खरीदने के लिए लेन-देन को सत्यापित करने के लिए कुछ रुपये भेजते थे। फिर लोगों को तकनीकी समस्या का हवाला देकर ओटीपी या क्यूआर कोड मंगाते थे। जिससे पीड़ितों के खातों से धन आरोपियों के खाते में चला जाता था।
जांच में बरामद सामान
जांच से सामने आया कि साइबर अपराधी कई सिम कार्ड, मोबाइल फोन और बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे। साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से काम कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान नकली सैन्य पहचान पत्र, रक्षा कैंटीन कार्ड, पैन नंबर, आधार कार्ड, तीन दर्जन से अधिक मोबाइल, 206 सिम कार्ड और सात लैपटॉप बरामद किए गए।