रोचक जानकारी। आज देशभर में बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। वहीं वाराणसी के सारनाथ में विदेशी बौद्ध अनुयायियों का तांता लगा हुआ है। कहा जाता है कि बुद्ध पूणिमा का दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन को बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मृत्यु का प्रतीक दिवस माना जाता है। कहते हैं कि भगवान बुद्ध के जीवन की 3 महत्वपूर्ण घटनाएं- जन्म, बोध और मोक्ष तीनों ही इसी दिन आता है। महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से गौतम बुद्ध दुनियाभर ने जीवन में करुणा और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। तो चलिए आज इस बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर हम उनके विचारों को पढ़ें और अपने जीवन में शामिल कर सकारात्मकता को अपनाएं।
महात्मा बुद्ध कहते है कि……
- जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो। फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता।
- ‘ना तो आप खुद के बारे में बढ़ा चढ़ाकर बोलें और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करें।’ भगवान बुद्ध ने सरल जीवन जीने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ना तो हमें अपने बारे में अधिक बढ़ा चढ़ाकर बात करनी चाहिए, इससे दूसरों के मन में ईर्ष्या जन्म ले सकती है, और ना ही दूसरों की अच्छाई को देखकर अपने मन में ईर्ष्या की भावना को लाना चाहिए।
- अपने मोक्ष के लिए खुद प्रयत्न करें, दूसरों पर निर्भर ना रहें।’ महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन में दूसरों पर निर्भरता को अस्वीकार करते हुए कहा है कि अपने मोक्ष के लिए भी इंसान को खुद ही प्रयत्न करना चाहिए, ना कि दूसरों पर इसके लिए निर्भर रहना चाहिए।
- बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती। घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है। जिसका इतिहास हमेशा से साक्षी रहा है।
- जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती वैसे ही मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।’ भगवान बुद्ध का मानना है कि जिस प्रकार मोमबत्ती को जलाने के लिए आग की जरूरत पड़ती है, उसी प्रकार इंसान जब तक अपने भीतर आध्यात्मिक ज्वाला को नहीं जलाता, तब तक वह जीवन को बेहतर तरीके से नहीं जी पाता।
- भगवान बुद्ध कहते हैं कि क्रोध को मन में पाले रखना, गर्म कोयले को दूसरों पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप मन में किसी के प्रति क्रोध को पाले नहीं, क्योंकि इससे आपको भी नुकसान उठाना पड़ता है।
- जिस तरह एक जलते हुए दीये से हजारों दीपक रोशन किए जा सकते है, फिर भी उस दीये की रोशनी कम नहीं होती, उसी तरह खुशियां बांटने से हमेशा बढ़ती है, कभी कम नहीं होती।
- ‘जीवन में तीन चीजें कभी भी छुपाई नहीं जा सकती, वो है- सूर्य, चंद्रमा और सत्य।’ अर्थात, अगर आप सच को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह आप अधिक दिनों तक नहीं कर पाएंगे। क्योंकि सच कभी ना कभी सामने आ ही जाता है। इसलिए सत्य वचन बनें और सत्य का साथ दें।
- जीवन में आप चाहें जितनी अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ लो, कितने भी अच्छे शब्द सुनो, लेकिन जब तक आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते तब तक उसका कोई फायदा नहीं होगा।
- भविष्य के सपनों में मत खो और भूतकाल में मत उलझो, वर्तमान पर ध्यान दो। जीवन में खुश रहने का यही एक सही रास्ता है।’ भगवान बुद्ध यहां कहते हैं कि जो लोग केवल भविष्य के सपने देखते हैं या भूतकाल में ही उलझे रह जाते हैं, उनके जीवन में खुशी कभी आती ही नहीं, इसलिए इंसान को वतर्मान में जीना चाहिए।