दिल्लीवालों को पानी के बकाया बिलों से बड़ी राहत,नए कनेक्शन और संचालन में भारी कटौती

Delhi: दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने राजधानी के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने का फैसला लिया है. शुक्रवार (26 सितंबर) को हुई अहम बैठक में यह तय हुआ कि पानी के बकाया बिल पर लगने वाले लेट चार्ज को पूरी तरह माफ किया जाएगा. दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि अब लेट चार्ज की दर 5 प्रतिशत कंपाउंड ब्याज की बजाय सिर्फ 2 प्रतिशत होगी. इससे लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. सरकार का मानना है कि इस कदम से लोग बकाया बिल चुकाने के लिए आगे आएंगे और जल बोर्ड की आय में भी वृद्धि होगी.

कुल बकाया बिलों में 90 फीसदी लेट पेमेंट चार्ज- मंत्री

दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने आगे कहा, ”जब इंटरेस्ट रेट ज्यादा था तो व्यक्ति बिल नहीं देता था और इंतजार करता था कि सरकार बिल माफ करे. दिल्ली सरकार को कुल 87589 करोड़ बकाया वसूलना है, जिसमें पानी के इस्तेमाल का कुल बकाया 7125 करोड़ रुपए है और लेट चार्ज 80463 करोड़ रुपये है यानी कुल बकाया बिलों में 90 फीसदी बकाया तो लेट पेमेंट चार्ज है.

100 फीसदी लेट पेमेंट चार्ज में छूट कहां लागू?

उन्होंने ये भी कहा, ”दिल्ली के रजिस्ट्रार के दफ्तर में अब ऐसी व्यवस्था करेंगे कि बिजली के बिल के साथ पानी का बिल भी मांगा जाए. फिलहाल अभी बकाये में 100 फीसदी लेट पेमेंट चार्ज सरकारी और घरों के बकाया बिल में माफ होंगे. कमर्शियल में लेट पेमेंट 100 फीसदी नहीं माफ होगा, कितना होगा ये बाद में तय करेंगे. 

कैसे और कब तक पानी के बिल को कमा कराया जा सकता है 

इन उपभोक्ताओं को राहत देने का काम अगले महीने से शुरु कर दिया जाएगा. ये राहत 31 जनवरी तक का उपभोक्ताओं को दी जाएगी. 31 जनवरी तक सौ फीसदी लाभ फिर दो महीने की छूट और दी जाएगी लेकिन उसमें 70 फ़ीसदी छूट मिलेगी. सरकार ने कहा कि उपभोक्ताओं पर ₹87,589 करोड़ बाकी है लेकिन ₹7,125 करोड़ मूल राशि है जबकि  ₹80,463 करोड़ पेनाल्टी (91% LPSC) है.

पानी के अवैध कनेक्शन को वैध कैसे किया जा सकता है 

31 मार्च तक अगर घरेलु उपभोक्ता पानी के अवैध कनेक्शन को एक हज़ार रुपए देकर लीगल कनेक्शन ले सकता है. वहीं कामार्शियल उपभोक्ता के अवैध कनेक्शन को लीगल कनेक्शन बनाने के लिए 61056 रुपए चार्ज करते थे जो अब पांच हज़ार रुपए पड़ेगा.

नए कनेक्शन और संचालन में सुधार

वर्तमान में DJB के पास लगभग 1 लाख नए कनेक्शन के आवेदन लंबित हैं, जिससे सालाना ₹51 करोड़ का नुकसान हो रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए अब 1,000 से अधिक लाइसेंसधारी प्लंबर उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि उपभोक्ताओं को शीघ्र कनेक्शन मिल सके.

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