Dr. BR Ambedkar: देश आज भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 69वी पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें नमन कर रहा है. इसी बीच पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने भी बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और मौन रखकर उन्हें याद किया. है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के तमाम बड़े नेताओं ने भी सोशल मीडिया और सार्वजनिक कार्यक्रमों के जरिए बाबासाहेब को भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किए.
राष्ट्रपति ने श्रद्धा और सम्मान के साथ बाबासाहेब को किया नमन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर में डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट से जारी संदेश में बताया गया कि राष्ट्रपति ने श्रद्धा और सम्मान के साथ बाबासाहेब को नमन किया. उन्होने कहा है कि अंबेडकर की शिक्षाएं और उनका संघर्ष भारत को एक न्यायपूर्ण, समानता-आधारित समाज बनाने की दिशा में आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है. हर वर्ष 6 दिसंबर को यह दिन संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के अग्रदूत और आधुनिक भारत के महान विचारक डॉ. अंबेडकर को याद करने के लिए मनाया जाता है.
पीएम मोदी ने बाबासाहेब को किया याद
पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन के साथ संसद भवन परिसर में स्थित प्रेरणा स्थल में आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को याद करता हूं. न्याय, समानता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति उनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता और अटूट प्रतिबद्धता हमारे राष्ट्र का निरंतर मार्गदर्शन करती है.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आंबेडकर ने पीढ़ियों को मानवीय गरिमा बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रेरित किया. मोदी ने कहा, “विकसित भारत बनाने की दिशा में काम करते हुए उनके आदर्श हमारा मार्गदर्शन करते हैं.”
डॉ. बी.आर. अंबेडकर पुण्यतिथि
6 दिसंबर को मनाया जाने वाला महापरिनिर्वाण दिवस, भारतीय संविधान के जनक डॉ. बी.आर. अंबेडकर की पुण्यतिथि है. डॉ. अंबेडकर एक प्रमुख नेता थे जिन्होंने आधुनिक भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे. भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष के तौर पर, डॉ. अंबेडकर ने सभी नागरिकों के लिए न्याय, समानता और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किया. संविधान सभा में उनके योगदान ने एक लोकतांत्रिक और समावेशी भारत की नींव रखी.
महत्वपूर्ण कानूनी सुधार
डॉ. अंबेडकर ने जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी काम किया, जहाँ उन्होंने महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों पर काम किया. बाद में, उन्होंने हिंदू धर्म की जाति-आधारित असमानताओं को अस्वीकार करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया, और दलित बौद्ध आंदोलन के लिए एक मार्गदर्शक व्यक्ति बन गए, जिसने लाखों लोगों को सामाजिक समानता और सम्मान के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया.
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