Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा पर करें ये काम, भगवान श्रीकृष्ण सदैव रहेंगे आप पर मेहरबान

Govardhan Puja 2024: हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यह पर्व 2 नवंबर को मनाया जाएगा है. इस दिन महिलाएं घर से बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं. साथ ही इस दिन कुछ खास उपायों को करना भी बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में खुशहाली का वास होता है. ऐसे में चलिए जानते है कि वो कौन से खास उपाय है, जिन्‍हें गोवर्धन पूजा वाले दिन करने को लाभ होता है….

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के दिन करें ये उपाय

श्री कृष्ण की तस्वीर 
इस दिन गोवर्धन पर्वत उठाए हुए भगवान श्री कृष्ण की तस्वीर घर में लगा सकते हैं. इसे विपरीत परिस्थितियों से मुकाबला करने और आत्म बल में वृद्धि का प्रतीक माना जाता है. माना जाता है ऐसा करने से परिवार के सदस्यों में आपसी तालमेल और विश्वास बना रहता है.

नकारात्मक ऊर्जा दूर करें
इसके लिए आपको चाहिए कि अपने घर से नकारात्मकता दूर करने के लिए गोवर्धन पूजा की दिन संध्याकाल के समय गाय का गोबर जलाकर धुआं करें. इससे आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है.

श्रीकृष्ण को भोग 
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और श्रीकृष्ण सदैव अपनी कृपा बरसाते हैं. इसके अलावा घर में धन और अन्य की कभी भी कमी नहीं होती है. 

पीपल की पूजा
इसके अलावा, इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए आप पीपल के पेड़ के सामने 7 दीपक जलाएं. इससे श्रीहरि का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

तुलसी की पूजा
वहीं, मां तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. ऐसे में इस दिन तुलसी को जल अवश्य चढ़ाएं साथ ही इनके आगे घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आप पर कृपा बरसाती हैं. 

मंत्र जप करें
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक.
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव..

आरती करें 
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ.
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार.
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ.
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
और चकलेश्वर विश्राम
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ.
तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल.
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ.
तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,
तेरी झाँकी बनी विशाल.
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ.
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण.
करो भक्त का बेड़ा पार

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