Jitiya Vrat 2025: हर साल आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की सप्तमी वृद्धा अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत रखा जाता है, जिसे जीवित पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है. भविष्य पुराण के मुताबिक, इस कठिन व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है. इस दौरान भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है.
बता दें कि जीवित्पुत्रिका व्रत सप्तमी वृद्धा अष्टमी से शुरू होकर अगले दिन नवमी तिथि में समाप्त होता है और नवमी तिथि को ही व्रत का पारण किया जाता है. यही वजह है कि इस व्रत को बेहद कठिन माना जाता है. ऐसे में चलिए इस व्रत के बारे मे विस्तार से जानते हैं कि कब जितिया व्रत का नहाय खाय कब होगा, व्रत किस दिन रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त व पारण का समय क्या है….
जितिया नहाय खाय 2025 तिथि
आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर जितिया का नहाय खाय होता है, जो इस साल 13 सितंबर, दिन शनिवार को पड़ रही है. इसके बाद 14 सितंबर को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर अष्टमी लग जा रही है. ऐसे में 13 सितंबर के दिन ही नहाय खाय रहेगा. इस दिन महिलाओं द्वारा नदी या तालाब में स्नान करने के बाद सरसों के तेल की खल, झिमनी के पत्तों पर रखकर भगवान जीमूतवाहन की पूजा करने का विधान बताया गया है. विधि-विधान से पूजा करने के बाद महिलाएं तेल को अपनी संतान के सिर पर आशीर्वाद के रूप में भी लगाती हैं.
जितिया ओठगन तिथि और समय
इस बार जितिया का व्रत 14 सितम्बर यानी रविवार के दिन रखा जाएगा, जो सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में ही होगा. इस दौरान व्रत रखने वाली विवाहित महिलाएं चूड़ा, दही समेत कई प्रकार का भोजन करती हैं. इसके बाद, अपने शरीर को दरवाजे से टिकाकर पानी ग्रहण करती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भाइयों की आयु भी लंबी होती है और ओठगन के बाद महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.
जितिया व्रत 2025 पारण का समय
इसके बाद, अष्टमी तिथि का समापन अगले दिन यानी 15 सितंबर, सोमवार के दिन होगा और इसी के साथ जितिया व्रत समाप्त हो जाएगा. 15 सितंबर को सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा और नवमी तिथि कि शुरुआत हो जाएगी. इसी समय पर व्रती महिलाएं दातुन करके स्नानादि कर सकती हैं और फिर, पूजा करने के बाद अन्न-जल ग्रहण कर सकते हैं.
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