प्रभु के सामने भावपूर्ण द्रवित होता है जिसका ह्रदय उसी को मिलती है शांति : दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि सभी के आशीर्वाद- सेवा की भावना से सभी के हृदय जीतने वाले नन्द यशोदा के आँगन में अभी तक पलना नहीं बँधा- इस बात से ब्रजवासियों के हृदय में बड़ी बेदना थी.

ब्रजवासी रोज इस विषय पर चर्चा करते थे कि ऐसा कोई उपाय किया जाय जिससे नन्द-यशोदा के आँगन में पलना बँध सके. खोज खबर करने के बाद आखिर उन्हें एक पंडित ने यह कहा कि सभी ब्रजवासी एकादशी का व्रत करके उसका पुण्य यदि नन्द-यशोदा को दें तो उनके घर पुत्र होगा.

ब्रज के सभी गोप-गोपियों ने एकादशी करना प्रारम्भ किया यहाँ तक कि छोटे-छोटे बालक भी एकादशी करने लगे. इस तरह जो सभी की सेवा करता है एवं सेवा के फल-स्वरुप सबका आशीर्वाद प्राप्त करता है, उसके आँगन में साक्षात सर्वेश्वर पधारेंगे और उसी के आंगन में ‘ नन्द घर आनन्द भयो’ का उल्लास छाएगा.

भावपूर्ण ह्रदय ही प्रभु के सामने द्रवित होता है और उसी को जीवन की शान्ति मिलती है. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

 

		

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