Social Anxiety: आजकल के से बदलते जीवनशैली का प्रभाव सीधा हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. ऐसे में बहुत से लोग फिजिकल और मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से जुझ रहे है. इन्हीं में से एक है सोशल एंग्जायटी (Social Anxiety). यह एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है. इसके कारण लोगों को रोजमर्रा के कार्यो में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सोशल एंग्जायटी के कारण लोगों को दूसरों से मिलने और बातचीत करने में उन्हें समस्या होती है. हालांकि यह शर्मीले स्वाभाव वाले व्यक्तियों से अलग होता है, क्योंकि इसमें व्यक्ति खरीदारी या बाहर टहलने जैसे सामाजिक कार्य करने में असमर्थ होता है. ऐसे में चलिए जानते है कि क्या है सोशल एंग्जायटी, इसके लक्षण और इसे कंट्रोल करने के उपाय.
Social Anxiety: क्या है सोशल एंग्जायटी?
बता दें कि सोशल एंग्जायटी या सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social Anxiety) एक मेडीकल कंडीशन है, जो सोशल सिचुएशन में लोगों के आसपास होने पर भय और चिंता का कारण बनती है. इस समस्या से पीड़ित लोगों को दूसरों के देंखे जाने और उनके द्वारा जज किए जानें का डर रहता है. हालांकि इसका इलाज टॉक थेरेपी और एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाओं से किया जा सकता है.
Social Anxiety: सोशल एंग्जायटी के लक्षण
- सामाजिक स्थितियों में शर्माना, कांपना, पसीना आना या दिल की धड़कन तेज होना.
- सामाजिक स्थितियों में अत्यधिक घबराहट महसूस होना.
- दूसरों के साथ बातचीत करते वक्त ज्यादा नजरें न मिला पाना.
- दूसरों के आसपास होने पर आपके शरीर की मुद्रा कठोर होना.
- दूसरों के सामने बहुत संकोची होना.
- अन्य लोगों के सामने शर्मिंदा या अजीब महसूस करना.
- लोगों के सामने ब्लैंक महसूस होना.
- अजनबियों के आसपास होने पर डर महसूस करना.
Social Anxiety: सोशल एंग्जायटी से बचने के उपाय
- कॉग्नेटिव-बिहेवरियल थेरेपी (सीबीटी): सीबीटी लोगों को सोशल सिचुएशन से संबंधित नकारात्मक विचार पैटर्न और मान्यताओं को पहचानने में मदद करता है. इसके साथ ही यह एंग्जायटी से निपटने के तरीके भी सिखाता है.
- माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन टेक्नीक: डीप ब्रीथ एक्सरसाइज, मेडिटेशन और प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन जैसी एक्सरसाइड एंग्जायटी के लक्षणों को कम करने और अपने आसपास के लोगों में ढलने में काफी हद तक मदद कर सकते हैं.
- सोशल सपोर्ट: यदि आप सोशल एंग्जायटी का शिकार है, जो इसके बारे में अपने विश्वसनीय दोस्तों, परिवार के सदस्यों या सहायता समूहों से बात करने से इमोशनल सपोर्ट और समझ मिल सकती है. ऐसे में आपको अपना अनुभव साझा करना और सलाह लेना मददगार हो सकता है.
- स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम, संतुलित पोषण युक्त आहार, पर्याप्त नींद और शराब या कैफीन जैसे पदार्थों से परहेज आपके पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान दे सकता है.
- नकारात्मक विचारों से दूरी: नकारात्मक विचार अक्सर सोशल एंग्जायटी की वजह बनते हैं. ऐसे में अपने अंदर आ रहे नकारात्मक विचार को सकारात्मक विचारों से बदलने का प्रयास करें. इसके साथ ही अपनी कमजोरियों पर ध्यान देने की बजाय अपनी ताकत और उपलब्धियों पर फोकस करें.
- एक्सपर्ट से सलाह लें: यदि आप सोशल एंग्जायटी से पीडित हैं, तो इससे निपटने के लिए आप किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा आप एक्सपर्ट द्वारा दी गई दवा जैसे एंटीडिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जायटी की मदद से भी इससे राहत पा सकते हैं.
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