प्रयागराज। लोक निर्माण विभाग के खंड चार में हो रही सेवा पुस्तिका की जांच के मामले में नया मोड़ आ गया है। विभाग ने शासनादेश के आधार पर सेवा पुस्तिका में पहली बार दर्ज की गई जन्मतिथि के आधार पर सेवानिवृत्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है। यह आदेश अधीक्षण अभियंता की ओर से जारी किया गया है। सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि में हेरफेर किए जाने का मामला जुलाई में सामने आया था। विभाग के दो कर्मचारियों ने अपने हाईस्कूल के अंकपत्रों में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर सेवानिवृत्त किए जाने की मांग की। इसके लिए उन्होंने विभाग के समक्ष प्रत्यावेदन भी दिया। इस पर खंड चार के अभियंता की ओर से शासकीय अधिवक्ता को पत्र भेजकर कानूनी सलाह मांगी गई। साथ ही मामले की सूचना विभाग के उच्चाधिकारियों को दी गई। अधीक्षण अभियंता ने इस मामले में आपत्ति जताई और सेवापुस्तिका का कार्य देखने वाले बाबू का पटल परिवर्तन करने का आदेश देते हुए मामले में जांच बैठा दी थी। मामले में दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों की सेवापुस्तिका में पहले दर्ज उनकी जन्मतिथि को काटकर दूसरी जन्मतिथि लिखी पाई गई। इसको लेकर विभाग में खलबली मच गई। अधीक्षण अभियंता ने बाद मेें सभी विभागों में तैनात कर्मचारियों की सेवापुस्तिका के जांच के आदेश दे दिए। फिलहाल जांच अभी चल रही है। लेकिन, अधीक्षण अभियंता एके द्विवेदी ने 1995 के शासनादेश का हवाला देते हुए सेवा पुस्तिका में पहली बार अंकित की गई जन्मतिथि के आधार पर ही सेवानिवृत्त किए जाने का आदेश दे दिया है। अधीक्षण अभियंता के इस आदेश के जारी होने से जन्मतिथि में हेराफेरी कराने वाले कर्मचारियों में खलबली मची है। अब उनकी सेवानिवृत्ति जल्दी हो जाएगी। कहा जा रहा है कि कई कर्मचारी अधीक्षण अभियंता के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं।