Balia : बलिया के स्थापना दिवस पर ‘बलिया महोत्सव’ का शानदार आगाज शनिवार की रात को गंगा बहुउद्देशीय सभागार में हुआ. परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा, महिला आयोग की सदस्य सुनीता श्रीवास्तव, पूर्व मंत्री नारद राय आदि ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत गणेश यादव ने गणेश वंदना से की. इसके बाद मंच पर आए ददरी मेला का थीम सॉन्ग गाने वाले प्रणव सिंह कान्हा ने ‘जय हो, जय हो बागी बलिया’ गीत के जरिए दर्शकों में जोश भर दिया. प्रयागराज से आई दीपशिखा और उनकी टीम ने डेढ़िया नृत्य की प्रस्तुति की. गुलाब देवी कालेज की छात्राओं ने भी बागी बलिया गीत पर नाट्य प्रस्तुति की. तत्पश्चात सन्नी पाण्डेय ने अपने गीतों के माध्यम से समां बांध दिया. इस दौरान भृगु बाबा की जय के नारे बीच-बीच में गूंजते रहे. परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि आज ही के दिन 1879 में गाजीपुर जनपद से अलग होकर बलिया जनपद बना था.

बलिया का एक अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. प्राचीन काल बलिया महर्षि भृगु की तपोस्थली रही तो महादानी बलि की जन्मस्थली भी है. आजादी के महानायक मंगल पांडेय जी व आजादी के पहले बलिया को सबसे पहले आजाद कराने वाले चित्तू पांडेय भी इसी धरती पर पैदा हुए. व्यवस्था परिवर्तन करने वाले जयप्रकाश नारायण व इच्छाशक्ति के धनी पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की धरती यही है. साहित्य के क्षेत्र में हजारी प्रसाद द्विवेदी, परशुराम द्विवेदी ऐसे दर्जनों लोग जिनका दुनिया में एक अलग व्यक्तित्व रहा, बलिया में पैदा हुए. राजनीति के क्षेत्र में बंगाल से गोवा तक ऐसा कोई राज्य नहीं जहां बलिया के लोग स्थापित न हों. कहा आज पूरे भारत में बलिया के लोग उच्च पदों पर आसीन हैं जिन्हें अगले कार्यक्रम में आमंत्रित कर उन्हें बलिया रत्न से नवाजा जाएगा.

महोत्सव का आयोजन रामलीला मैदान में होना था लेकिन बारिश के चलते स्थान बदलना पड़ा. यह आयोजन बलिया के अस्मिता से जुड़ा है जिसे हर वर्ष भव्यता के साथ मनाया जाएगा. इस दौरान कलाकारों व अन्य अतिथियों को मंत्री दयाशंकर सिंह ने अंगवस्त्रम व मोमेंटो देकर सम्मानित किया. आयोजन में पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह, सीआरओ त्रिभुवन, नगर अध्यक्ष सोनी तिवारी आदि मौजूद रहे.