गाजीपुर। थाना क्षेत्र के हैदरगंज चट्टी स्थित किराना मर्चेट की दुकान में बीती देर रात शार्ट सर्किट से आग लग गई। मकान में मौजूद लोग आग की लपटों से घिर गए। किसी तरह से जान बचाते हुए लोग बाहर निकले। फायर कर्मियों के साथ स्थानीय लोगों ने काफी मशक्क के बाद आग पर काबू पाया। आग के इस घटना में एक लाख नकदी सहित लाखों का सामान जलकर नष्ट हो गया। मालूम हो कि हैदरगंज गांव निवासी जनार्दन कुशवाहा का हैदरगंज-देऊपुर गांव मार्ग मोड़ पर तीन मंजिला मकान है। उनका बेटा सुरेंद्र कुशवाहा मकान में किराना मर्चेट, जनरल स्टोर व पत्नी को कास्मेटिक श्रृंगार की दुकान चलाता था। रोज की तरह मंगलवार की रात भी दुकान बंद कर परिवार के साथ मकान के दूसरे तल पर सो गए। रात करीब साढ़े 10 बजे से शार्ट सर्किट से दुकान में आग लग गई। परिवार के लोग आग से अंजान होते हुए सो रहे हैं। इसी दौरान क्षेत्र के महिपालपुर गांव के कुछ युवक जो टेट की परीक्षा देकर वाराणसी से बस द्वारा हैदरगंज चट्टी उतरे। दुकान से आग की लपटे उठता देख वह अवाक रहे हैं। शोर मचाने लगे। आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंच गए और मकान में सोए लोगों को आवाज लगाने लगे। जैसे ही सुरेंद्र के कानों में लोगों की आवाज पहुंची, वह जग गया। आग की लपटों को देख उसके होश उड़ गए। लोगों ने घटना की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी। ग्रामीणों व खुद की सूझबूझ से साड़ी का रस्सी बनाकर मकान से रेलिंग के सहारे आयूष कुशवाहा (4), शिवन्या कुशवाहा (1) व प्रतिमा कुशवाहा (25), सुरेन्द्र कुशवाहा 30 वर्ष को बांस की सीढ़ी से दूसरे मंजिल से बाहर आए तथा जनार्दन कुशवाहा जो नीचे बालकनी में सोए थे, शोर गुल सुनकर बाहर निकले। सभी लोगों के सकुशल मकान से बाहर आने पर लोगों ने राहत की सास ली। फायर कर्मियों ने लोगों की मदद से घंटों प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। आग की इस घटना में 1 लाख नगदी, 7 लाख का किराना मर्चेट की दुकान का समान, 2 लाख का कॉस्मेटिक व श्रृंगार के समान सहित करीब 1 लाख का के घर-गृहस्थी के समान सहित मकान का खिड़की, दरवाजा, सहित मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय लेखपाल रामनगीना पाल ने आगजनी में हुए क्षतिपूर्ति का आंकलन कर रिपोर्ट तहसील मुख्यालय को प्रेषित किया। गुड्डू अहमद, मिठ्ठू गोड़, आशीष, अच्छेलाल, शोभा राजभर, अनिल गोड़ ने साहस का परिचय देते हुए अपने जान की बाजी लगाकर मकान में फंसे परिजनों को सकुशल बाहर निकाला। इनके इस कार्य की लोग सराहना करते रहे।