Independence Day 2024: आज का दिन पूरे भारत के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है. यह वह दिन है जब देश 250 वर्षो के बाद देश अग्रेजों के गुलामी की जंजीरों से आजाद हुए थे, और भारत का ऐ नया जन्म हुआ था. 15 अगस्त, 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी की याद में हर साल 15 अगस्त को ही आजादी का यह त्योहार मनाया जाता है. हालांकि, बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि हमारा पहला स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 1947 को नहीं, बल्कि 26 जनवरी 1930 को मनाया गया था. अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें यह सुनकर हैरानी हुई है, तो आपको बता दें कि यह पूरी तरह सच है. आइए 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जानते हैं भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस के बारे में-
26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने का इतिहास
जानकारी कि लिए आपको बता दें कि एक ऐसा समय था कि 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है. ऐसा 18 सालों लगातार किया गया था. दरअसल, इसके पीछे की कहानी यह है कि, साल 1929 में लाहौर में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू सहित अन्य नेताओं ने मिलकर कांग्रेस अधिवेशन के दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया. अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे पंडित नेहरू ने सबके सामने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें यह कहा गया कि अगर अंग्रेजी शासन 26 जनवरी, 1930 तक भारत को उसका हक नहीं दिया, तो भारत खुद को स्वतंत्र घोषित कर लेगा. यहीं से कांग्रेस ने 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस यानी स्वतंत्रता दिवस के रूप में घोषित किया. हालांकि, अंग्रेजी हुकूमत टस से मस नहीं हुई, जिसके बाद पूर्ण स्वतंत्रता के लिए भारत में आंदोलन और भी तेज हो गए.
अधिवेशन में क्या तय हुआ?
इस अधिवेशन के दौरान कुछ निर्णय लिए गए थे जिसमें यह तय हुआ था कि 26 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा. इसके अलावा लोग घरों से निकलकर अपने आसपास सफाई रखें, चरखा लगाएंगे, स्वदेशी चीजों को बढ़ावा देंगे और सभी वर्ग के लोगों को समान इज्जत देंगे. वहीं, राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने इस खबर को देशभर में फैलाने के निर्देश दिए। इसके बाद देखते ही देखते यह बात हर तरफ फैल गई और लोग 26 जनवरी, 1930 को अपने घरों से राष्ट्रीय ध्वज के साथ बाहर निकले।
भारतवासियों की इस एक जुटता ने अंग्रेजों की चिंता बढ़ा दी। हालांकि, इस भीड़ ने बापू की बात को कायम रखा और बिना हिंसा और शोर-शराबे के आजादी के लिए अपना उत्साह प्रदर्शित किया। वहीं, पंडित नेहरू ने भी तिरंगा फहराया। इसके बाद 15 अगस्त, 1947 को देश के आधिकारिक रूप से आजाद होने से पहले हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा।
26 जनवरी कैसे बना गणतंत्रत दिवस?
वहीं, साल 1947 में देश को पूरी तरह से आजादी मिलने के बाद, भारत के संविधान का गठन करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति ने मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान बनाया. इसमें एन. गोपालस्वामी आयंगार, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, डॉक्टर के. एम. मुंशी, सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला, एन. माधव राव और टी. टी. कृष्णामाचारी का नाम शामिल है। इस संविधान को बनाने में करीब 2 साल, 11 महिने और 18 दिन का समय लगा था. इसके बाद भारत ने 26 जनवरी, 1950 को अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया.