NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक मामले को लेकर इस समय सरकार एक्शन में है, ऐसे में बीते दिनों इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हाथों में सौंप दी गई है. इसी बीच सीबीआई के रडार पर पूर्वांचल, बिहार, झारखंड, त्रिपुरा और कर्नाटक के सॉल्वर गिरोह के 33 सदस्य हैं.
ये सभी 2021 नीट परीक्षा में फर्जीवाड़े के प्रयास के आरोप में सारनाथ थाने में दर्ज मुकदमे के आरोपी हैं, जिनसे साल 2024 के नीट परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के संबंध में पूछताछ कर सीबीआई सॉल्वर गिरोह की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.
NEET Paper Leak Case: क्या है मामला
दरअसल, आईएमएस बीएचयू के दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय की बीडीएस की छात्रा रही पटना की जूली कुमारी को 12 सितंबर 2021 को नीट परीक्षा के दौरान सारनाथ के एक केंद्र से गिरफ्तार किया गया था, जो त्रिपुरा की रहने वाली हिना विश्वास की जगह परीक्षा दे रही थी. जूली के पकड़े जाने के बाद 48 आरोपियों का नाम आया था.
वहीं, अहम सूत्रधार मिर्जापुर के चुनार थाना के कैलहट के डॉ. शरद सिंह पटेल को 22 अप्रैल 2024 को एसटीएफ ने आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा-2023 का पेपर लीक कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इससे पहले डॉ. शरद और साथी हरियाणा का रवि अत्री मेडिकल प्रवेश परीक्षा की धांधली के मामले में भी आरोपी रहे है.
12 अभ्यर्थी भी हैं मुकदमे के आरोपी
बता दें कि नीट में फर्जीवाड़े के प्रयास के आरोप में सारनाथ थाने में दर्ज मुकदमे में कुल 12 अभ्यर्थी आरोपी हैं, जिनमें से केवल हिना विश्वास की गिरफ्तार की जा सकी और अन्य अभ्यर्थी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके.
नौ पर गैंगस्टर की कार्रवाई
वहीं, सारनाथ के ही थाने में दर्ज एक मुकदमे की विवेचना में 48 आरोपियों में 21 ही गिरफ्तार किए जा सके. जिनमें से नौ के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई. जबकि अन्य कुछ आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर हो गई तो कुछ का आज तक पुलिस को पता ही नहीं है कि वह कहां हैं.
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