प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा है कि परिषदीय विद्यालयों के अध्यापक एक बार अंतर्जनपदीय तबादला होने के बाद दोबारा भी तबादले का के लिए आवेदन कर सकते हैं । इससे संबंधित शिक्षक सेवा नियमावली में ऐसी कोई रोक नहीं है । कोर्ट का कहना था कि स्थानांतरण करना या न करना राज्य सरकार के अधिकार में है । मात्र आवेदन करने से स्थानांतरण प्राप्त करने का अधिकार सुजित नहीं होता है। साथ ही जो अध्यापक स्थानांतरण पर एक जिले से दूसरे जिले जाता है वह वरिष्ठता सूची में सबसे निचले पायदान पर चला जाता है। ऐसी स्थिति में दोबारा आवेदन करने पर रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है। अजय कुमार व अन्य की ओर से दाखिल विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए या आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने दिया है। याचिका में एकल न्यायपीठ द्वारा 3 नवंबर 2020 को दिव्या गोस्वामी केस में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी । इस आदेश में एकल न्याय पीठ ने कहा था कि जो अध्यापक एक बार अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ ले चुके हैं वह विशेष परिस्थिति को छोड़ कर दोबारा अंतर्जनपदीय तबादले के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा अधिवक्ता नवीन शर्मा आदि ने पक्ष रखा। वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था की नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक बार अंतर्जनपदीय तबादले के लिए आवेदन करने और स्थानांतरण होने के बाद दोबारा इसके लिए आवेदन नहीं किया जा सकता है। क्योंकि आवेदन करने मात्र से स्थानांतरण का अधिकार नहीं प्राप्त हो जाता तथा स्थानांतरण करना या न करना राज्य सरकार का अधिकार है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए एकल न्याय पीठ के आदेश के इस अंश को संशोधित कर दिया है तथा कहा है कि एक बार अंतर्जनपदीय स्थानांतरण होने के बाद भी दोबारा इसके लिए आवेदन किया जा सकता है।