गोरखपुर। कोविड संक्रमण से उबरने के बाद अनेक मरीजों में तनाव, अवसाद व सिजोफ्रेनिया आदि की दिक्कतें सामने आने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अब पोस्ट कोविड मरीजों का साइकियाट्रिक वैल्यूएशन (मनोरोग मूल्यांकन) करने की योजना बनाई है। उन्हें एक प्रश्न सूची दी जाएगी, जिसमें व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक व आर्थिक व्यवस्था से जुड़े सवाल होंगे। मरीजों द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर उनकी मानसिक स्थिति तय की जाएगी। पहले काउंसिङ्क्षलग व जरूरत पडऩे पर दवा से इलाज किया जाएगा। पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या बढऩे के बाद एम्स ने सबसे पहले पोस्ट कोविड बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) शुरू की थी। उसमें आने वाले मरीजों में ज्यादातर तनाव व अवसाद से ग्रसित थे। कुछ ऐसे भी मरीज आए जिन्हें लगता था कि कोरोना हो जाएगा, इसे लेकर वे भयभीत थे। इस तरह के मामले जिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कालेज में भी आए थे। किसी को आकाशवाणी सुनाई देती थी तो किसी को लगता था कि उसके पेट में किसी ने चिप फिट कर दिया है और उसकी निगरानी कर रहा है। इसे देखते हुए एम्स ने साइकियाट्रिक वैल्यूएशन की कार्ययोजना बनाई है। मरीजों से पूछे जाने वाले प्रश्न तैयार किए जा रहे हैं। फेमिली मेडिसिन विभाग व मानसिक रोग विभाग प्रश्नों की सूची तैयार करेगा। अधिकतम 10 से 12 सवाल होंगे, ताकि मरीजों को जवाब देने में कोई दिक्कत न हो। ज्यादातर सवाल व्यक्तिगत होंगे। प्रश्न सूची एम्स पहुंच रहे मरीजों को भी दी जाएगी और गेट पर भी चस्पा होगी। इसका बार कोड भी तैयार किया जाएगा जो इंटरनेट मीडिया के जरिये भी साझा किया जाएगा। उसे स्कैन कर कोई भी व्यक्ति प्रश्न पढ़कर अपना जवाब वाट्सएप के जरिये एम्स को भेज सकता है। इसके लिए एम्स प्रशासन वाट््सएप नंबर भी जारी करेगा। कार्य योजना बना ली गई है। उस पर अमल भी शुरू हो चुका है लेकिन अभी एथिकल कमेटी की अनुमति नहीं ली गई है। अनुमति लेने के बाद ही शोध शुरू किया जाएगा।