वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और उससे संबद्ध कॉलेजों में बैक पेपर के विद्यार्थियों को परीक्षा नहीं देनी होगी। ऐसे विद्यार्थियों को पिछली परीक्षा में मिले नंबर के औसत अंक देकर बैक पेपर का अंक दिया जाएगा। इसके बाद भी कोई विद्यार्थी संबंधित पेपर में फेल होता है तो उस पेपर के अनुसार न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्रदान कर परिणाम जारी किया जाएगा। मंगलवार को परीक्षा समिति की बैठक में इसका फैसला हुआ। काशी विद्यापीठ में कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी की अध्यक्षता में हुई बैठक में परीक्षा से जुड़े कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। कुलसचिव डॉ. साहब लाल मौर्य ने बताया कि बैक पेपर परीक्षा में बैठने के लिए अर्ह ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालय के पोर्टल पर बैक परीक्षा का आवेदन किया है। ऐसे विद्यार्थियों को इस शर्त के साथ परीक्षा में न बैठने और अंक देने की सुविधा दी गई है कि उन्हें इस आशय का शपथ पत्र, प्रमाण पत्र देना होगा कि उन्होंने इस अवधि में कोई अन्य उपाधि नहीं ली है। यह निर्णय भविष्य केवल इसी सत्र के लिए मान्य होगा।