गोरखपुर। जिले के फोरेंसिक लैब में अब डीएनए (डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल) जांच की भी शुरुआत हो गई है। जिस रिपोर्ट के लिए पहले दो साल से भी अधिक समय तक इंतजार करना होता था, वह अब अधिकतम छह से सात महीने में ही आ जाएगी। इससे वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सजा दिलाना आसान हो जाएगा। लैब में गोरखपुर के अलावा वाराणसी जोन के कुल 18 जिलों से आए नमूनों की भी जांच की जाएगी। जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में डीएनए के परीक्षण के लिए यहां गोरखपुर-वाराणसी जोन के 21 सैंपल भी सामने आ चुके हैं। हालांकि अभी पर्याप्त स्टाफ न होने से रफ्तार धीमी है, लेकिन जल्द ही इसमें तेजी आने की उम्मीद है। जिले में कई ऐसे बड़े मामले हैं, जिसमें पुलिस के पास दुष्कर्म की पुष्टि के कुछ सबूत हैं और इस आधार पर आरोपी जेल भी भेजे गए, लेकिन वैज्ञानिक साक्ष्य ना होने का फायदा आरोपियों को मिल गया। लेकिन अब आसानी से जल्द रिपोर्ट मिल जाएगी, जिसके बाद सजा दिलवाना सुनिश्चित हो सकेगा। गोरखपुर विधि विज्ञान प्रयोगशाला के उप निदेशक सुरेश चंद्रा ने बताया कि डीएनए जांच की शुरूआत हो गई है। 18 जिले के नमूने यहां पर आ रहे हैं। जांच के लिए अभी दो ही वैज्ञानिक है, जल्द ही चार से पांच वैज्ञानिक और आ जाएंगे, जिसके बाद तेजी से जांच होगी।