आगरा। अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू किए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें मुख्य (मेजर) विषय के साथ माइनर इलेक्टिव पेपर की स्थिति स्पष्ट की गई है। छात्र को प्रवेश के समय एक संकाय (कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि) का चुनाव करना होगा। उस संकाय के दो मुख्य विषयों का चुनाव करना होगा। जिसका अध्ययन वह तीन वर्ष (छह सेमेस्टर) तक कर सकता है। तीसरे मुख्य विषय का चुनाव किसी भी संकाय (अपने सहित) से कर सकता है। छात्र द्वितीय व तृतीय वर्ष में मुख्य विषय बदल सकेंगे या फिर उनका क्रम बदल सकेंगे। छात्र को विश्वविद्यालय/महाविद्यालयों में विषयों की उपलब्धता के आधार पर विषय बदलने की सुविधा होगी, वह एक वर्ष के बाद ही विषय बदल सकेगा, एक सेमेस्टर के बाद नहीं। माइनर इलेक्टिव कोर्स किसी भी विषय का पेपर होगा, न कि पूर्ण विषय। इसको पेपर के रूप में किसी भी संकाय से छात्र ले सकेंगे। इसके लिए कोई पूर्व अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। बहु विषयक्ता सुनिश्चित करने के लिए स्नातक स्तर पर माइनर इलेक्टिव पेपर सभी छात्रों को किसी चौथे विषय (उसकी ओर से चयनित तीन विषयों के अलावा) से लेना होगा। तीसरे मुख्य विषय और माइनर इलेक्टिव पेपर का चयन छात्र की ओर से इस तरह से किया जाएगा कि इनमें से कम से कम एक अनिवार्य रूप से अपने संकाय के अलावा दूसरे संकाय से हो। परास्नातक स्तर (प्रथम वर्ष) पर माइनर इलेक्टिव पेपर का चुनाव अन्य संकाय से करना होगा। विद्यार्थी को प्रथम, द्वितीय वर्ष (स्नातक) और चतुर्थ वर्ष (परास्नातक) में माइनर इलेक्टिव विषय (एक माइनर पेपर प्रति वर्ष) लेना अनिवार्य होगा। कॉलेज सीटों के आधार पर माइनर विषय के पेपर को आवंटित कर सकता है। तृतीय, पांचवें, छठवें वर्ष में माइनर इलेक्टिव पेपर अनिवार्य नहीं होगा।