लखनऊ। भाजपा सरकार के मंत्री, पार्टी विधायक, सांसद और पदाधिकारियों के रिश्तेदार भी पार्टी के टिकट पर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ सकेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी को संतुष्ट करने की रणनीति के तहत पार्टी ने मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों के नाते-रिश्तेदारों को टिकट न देने का निर्णय अब वापस ले लिया है। प्रदेश में 826 क्षेत्र पंचायतों में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की तारीखों का एलान सोमवार को कर दिया गया। 10 जुलाई को होने वाले चुनाव में करीब 76,845 क्षेत्र पंचायत सदस्य मतदान करेंगे। पार्टी की ओर से क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव में आधिकारिक तौर पर टिकट वितरण न करने से बड़ी संख्या में पार्टी के विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के नाते-रिश्तेदार और परिवारीजन भी क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए हैं। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक पर क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों के परिवारीजन को टिकट देने का दबाव है। सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत सदस्य चुनाव में जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के परिवारीजन को टिकट नहीं मिलने से उनमें नाराजगी बढ़ी है। विधानसभा चुनाव से पहले सभी को संतुष्ट करने में जुटी पार्टी ने उनकी नाराजगी दूर करने के लिए अपना निर्णय बदल दिया है। क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुनाव में पार्टी की ओर से बड़ी संख्या में मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के करीबी रिश्तेदारों और परिवारीजन को भी टिकट देकर ब्लॉक प्रमुख बनने का मौका दिया जाएगा।