वाराणसी। बीएड प्रवेश परीक्षा से पहले ही एनसीटीई ने वाराणसी के बरियासनपुर स्थित महादेव महाविद्यालय में दाखिले पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही महाविद्यालय से शिकायतों के खिलाफ 30 दिन के अंदर जवाब मांगा है। आरोपों के निपटारे के बाद ही बीएड पाठ्यक्रम के संचालन की अनुमति दी जाएगी। एनसीटीई ने इस मामले में काशी विद्यापीठ को भी पत्र भेजा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की कार्रवाई से प्रदेश के दूसरे महाविद्यालयों में भी खलबली मची है। एनसीटीई ने जांच और मान्यता संबंधी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए यह कार्रवाई की है। महादेव महाविद्यालय में जस्टिस वर्मा कमेटी के सुझाव और नियमों के अनुसार जमीन के रजिस्टर्ड लैंड जमा करने और महाविद्यालय के खिलाफ लंबित मुकदमों के बारे में जानकारी मांगी है। एनसीटीई को महाविद्यालय में अनियमितता की शिकायत मिली थी। इसमें जमीन की गड़बड़ी, फर्जी कागजात के आधार पर बीएड की मान्यता और मुकदमों के बारे में जानकारी नहीं देना शामिल है। पिछले साल इस मामले की शिकायत बोधिसत्व फाउंडेशन के द्वारा पूर्व कुलपति प्रो. टीएन सिंह और पूर्व रजिस्ट्रार साहब लाल मौर्या से की गई थी, लेकिन कार्रवाई की जगह मामले को दबा दिया गया। महाविद्यालय के प्रबंधक अजय सिंह ने बताया कि एनसीटीई का पत्र मिला है। इस मामले में जल्द ही जवाब दिया जाएगा।