प्रयागराज। नगर निगम के मेयर की तर्ज पर कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष का चुनाव आने वाले दिनों में हो सकता है। इस संबंध में आवश्यक बदलाव की कार्रवाई शुरू हो गई है। सब कुछ ठीक रहा तो उपाध्यक्ष का चुनाव बोर्ड सदस्य की बजाय छावनी क्षेत्र में रहने वाली जनता ही करेगी। दरअसल वर्ष 2012 में रक्षा मंत्रालय ने छावनी क्षेत्र में व्यापक सुधार, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के अधिकारों की समीक्षा के लिए बासु कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने इसकी रिपोर्ट काफी पहले रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट दे दी है। सिफारिशों में कमेटी ने छावनी उपाध्यक्ष का चुनाव मेयर की तरह सीधे कराने की बात कही है। अभी तक छावनी उपाध्यक्ष का चुनाव चुने हुए मेंबर आपस में वोट डालकर करते थे। इस तरह उपाध्यक्ष को चुनने में खरीद-फरोख्त के आरोप लगते थे। इसके साथ ही कमेटी ने उपाध्यक्ष और निर्वाचित सदस्यों के अधिकारों में बढ़ोतरी की पैरवी भी की है। इसके अलावा कैंट एक्ट 2020 के तहत रक्षा मंत्रालय ने कैंट क्षेत्र की जनता से आपत्ति और सुझाव मांगे थे। इसमें बोर्ड सात सदस्यों के अलावा आठवां पद उपाध्यक्ष का रखे जाने की बात थी। लेकिन अब चर्चा यही है कि जनता द्वारा ही बोर्ड उपाध्यक्ष को चुना जा सकता है। इसके लिए संसद के मानसून सत्र में कैंटोनमेंट बिल के पेश होने की बात बताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो उपाध्यक्ष को बोर्ड सदस्यों की बजाय सीधे जनता वोट देकर चुनेगी। छावनी परिषद के अधिशासी अधिकारी माने अमित कुमार बाबूराव का कहना है कि इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। यह निर्णय दिल्ली से ही होगा।