वाराणसी। भारत-जापान मैत्री का प्रतीक रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 15 जुलाई को जब प्रधानमंत्री पहुंचेंगे तो उनका अभिनंदन और स्वागत जीआई क्राफ्ट के रूद्राक्ष मॉडल और जरदोजी व रूद्राक्ष से तैयार अंगवस्त्रम देकर किया जाएगा। शिल्पियों ने यह मॉडल जिला प्रशासन को सौंप दिया है। पद्मश्री सम्मानित डॉ रजनीकांत के मार्गदर्शन में लकड़ी खिलौना के नेशनल मेरिट अवार्डी रामेश्वर सिंह और स्टेट अवार्डी राजकुमार के साथ कुशल शिल्पिओं की टीम ने एक सप्ताह के निरंतर प्रयास से रुद्राक्ष भवन के मॉडल को तैयार किया है। दूसरी तरफ लल्लापुरा निवासी मास्टर शिल्पी मुमताज अली ने जरदोजी और रुद्राक्ष के दानों का अद्भुत प्रयोग करते हुए पीले रंग का अंगवस्त्र बनाया और जरी से ही उकेर कर रुद्राक्ष लिखा है। जिसे तैयार करने में आठ दिन का समय लगा है। वहीं छही सारनाथ के बुनकर बच्चे लाल मौर्या ने आयोजित कार्यक्रम के लिए गीता श्लोक और वंदे मातरम कैलीग्राफी अंगवस्त्र तैयार किया है। डॉ रजनीकांत ने बताया कि यह अंगवस्त्र और रुद्राक्ष मॉडल प्रशासन को दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि शिल्पिओं के समग्र विकास में यह रुद्राक्ष भवन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और पर्यटन के साथ ही जीआई उत्पाद को भी बढ़ावा मिलेगा, जापान सरकार के साथ शिल्प कला विकास के नए द्वार भी खुलेंगे।